बाबा महाकाल की भस्म आरती।
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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज माघ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर गुरुवार तड़के बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई। सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक किया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर आकर्षक मुकुट, अर्पित कर उनका मावे और आभूषण से श्रृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई।
भस्म अर्पित करने के पश्चात भगवान महाकाल को रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगंधित गुलाब के पुष्प से बनी माला भी अर्पित की गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। उधर, भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।
मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
सात देशों के सुरक्षा अधिकारियों ने समझी भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सात देशों के सुरक्षा अधिकारियों ने मंदिर की व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को समझा। अफसरों ने कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मंदिर के चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही निगरानी की जानकारी ली। साथ ही आपात स्थिति में भीड़ नियंत्रण को लेकर किए जाने वाले उपायों के बारे में समझा। इस दल में ब्राजील, श्रीलंका, भूटान, म्यामांर और मंगोलिया से आए प्रतिनिधि शामिल थे।
राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय एवं रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के प्रतिनिधियों का दल राष्ट्रीय रक्षा एवं सामरिक अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश के प्रवास पर है। इसमें विदेशी प्रतिनिधि भी शामिल हैं। मंगोलिया से कर्नल दागवदोर्ज इंखास्टौग, ब्राजील से कैप्टन लुइस रिकार्डो, भूटान से कर्नल यूगैन फिनस्टो, म्यामांर से कर्नल लयजैओ और श्रीलंका से निमल रानासिंघे दल में शामिल थे। एसडीएम धीरज पाराशर ने बताया विदेशी अधिकारियों ने महाकाल मंदिर के कंट्रोल रूम में बैठकर सुरक्षा संबंधी संपूर्ण जानकारी ली। मंदिर में इनका स्वागत सम्मान सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने किया।