Saturday, July 27, 2024
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ट्रैफिक जाम में स्कूल बसें : बच्चों को पैदल घर लौटना पड़ा, नोएडा पुलिस असहाय

Tricity Today | ट्रैफिक जाम में स्कूल बसें




Noida Farmers Protest : नोएडा की सड़कों पर किसानों के जत्थे धरने दे रहे हैं। ऐसे में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, 130 मीटर एक्सप्रेसवे, दादरी-सूरजपुर-छलेरा मार्ग और शहर की तमाम भीतरी सड़कों पर भारी ट्रैफ़िक जाम है। इस परेशानी का खामियाजा लाखों बच्चों को भी चुकाना पड़ रहा है। बुधवार की सुबह स्कूल जाते वक़्त बस ट्रैफ़िक जाम में फँस गईं। छुट्टी के बाद घर लौटने में भी बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई स्कूलों के बच्चों को तो अभिभावक बसों से उतार कर पैदल घर लेकर गए हैं। बच्चे दो-दो घंटे की देरी से घर पहुंच रहे हैं। अभिभावक और स्कूल प्रशासन परेशान हैं। सड़कों पर स्कूल बसें खड़ी हैं और मजबूर बच्चे क़ैद हैं। चाहकर भी नोएडा ट्रैफ़िक पुलिस किसी की कोई मदद नहीं कर पाई। 

सुबह से सड़कों पर किसानों का रैला

गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने करीब 10 दिन पहले ऐलान कर दिया था। किसानों के करीब बीस संगठनों ने महापंचायत करके संयुक्त घोषणा की। किसानों ने कहा था कि हम लोग पिछले क़रीब एक साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की पंचायत, महापंचायत और धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं। सरकार और विकास प्राधिकरण के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। लिहाज़ा, अब दिल्ली जाकर संसद को अपनी बात सुनानी पड़ेगी। किसानों ने 8 फ़रवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस घोषणा के मुताबिक बुधवार की सुबह नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, दनकौर, ज़ेवर, रबूपुरा, दादरी, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, खुर्जा, अलीगढ़ और ग़ाज़ियाबाद से किसानों के समूह मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह नोएडा-ग्रेटर नोएडा पहुंचे। अब सुबह 11 बजे से किसानों के जत्थों ने दिल्ली की तरफ़ कूच किया है।




आगे क्या होगा

मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए किसानों का दिल्ली में दाख़िल होना संभव नहीं है। किसान संगठनों के पदाधिकारियों से हुई बातचीत में पता चला है कि किसान अब बोर्डर पर ही महापंचायत करेंगे। इस महापंचायत में आगे की रणनीति पर फ़ैसला लिया जाएगा। संभावना है कि किसान बोर्डर पर ही डेरा डाल देंगे। ऐसे में नोएडा-दिल्ली के बीच सड़क अगले कुछ दिनों के लिए बंद रह सकती है। पुलिस और प्रशासन किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। अफ़सरों का कहना है कि धरना स्थल पर वापस लौट जाएं। दूसरी तरफ किसान दिल्ली में घुसकर संसद जाने की ज़िद पर अड़े हुए हैं। ऐसे में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का यह आंदोलन अगले कुछ और दिन बढ़ सकता है।

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