Tricity Today | किसानों पर हावी हुई नोएडा पुलिस
Noida News : नोएडा पुलिस के लिए आज काफी बड़ा दिन है। हजारों की संख्या में किसान नोएडा की तरफ से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। हाई कमान से आदेश आया है कि किसी भी हालत में किसानों को रोका जाए। इस आदेश के बाद सभी पुलिस अधिकारी सड़कों पर तैनात हो गए हैं। अब दिखाई देने लगा है कि किसानों पर पुलिस ज्यादा हावी हो गई है। अंदाजा इस बात से लगा सकते हो कि चिल्ला बॉर्डर पर अभी तक किसान पहुंच नहीं पाए हैं। उनको पहले ही अधिकारियों ने अलग-अलग स्थान को रोक दिया है। काफी किसानों को नजर बंद किया गया है और कुछ को हिरासत में लिया गया।
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किसानों पर हावी हुई नोएडा पुलिस, चिल्ला बॉर्डर तक पहुंचने में नाकामयाब, कैसे जाएंगे दिल्ली? @noidapolice @Uppolice pic.twitter.com/dbCqQs4bVd
— Tricity Today (@tricitytoday) February 8, 2024
जिले में धारा 144 के साथ हाईअलर्ट जारी
अपनी मांगों को लेकर किसान हजारों की संख्या में इकट्ठा होकर दिल्ली संसद भवन की तरफ जाना चाहते हैं। इसके लिए काफी समय से प्लानिंग की जा रही थी। गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान चला जा रहा था। जिसमें फैसला लिया गया कि गुरुवार 8 फरवरी 2024 को किसान इकट्ठा होकर दिल्ली जाएंगे। इस जानकारी के बाद पुलिस भी एक्टिव हो गई। इस समय नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 के साथ हाईअलर्ट भी जारी है। पुलिस का प्रयास है कि कोई भी किसान दिल्ली ना पहुंच पाए। इसके लिए अलग-अलग स्थान पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन किसानों में काफी महिलाओं की संख्या भी है।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने की किसानों को रोकने की तैयारी
किसानों के संसद मार्च को स्थगित करवाने के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरणों के अफसर किसान नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, अब तक कोई हल नहीं निकला है। दूसरी तरफ, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किसानों के संसद मार्च को लेकर कमर कस ली है। पुलिस कमिश्नरेट के फील्ड और हेडक्वार्टर पर तैनात अफसरों को कानून व्यवस्था संभालने के लिए ड्यूटी में लगा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबन्द करेगी। किसानों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रोका जाएगा। उसके बाद गौतमबुद्ध नगर और दिल्ली की सीमाओं पर नाकाबंदी की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने महापंचायत ने बताया कि किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, स्थानीय लोगों को रोजगार, 10 प्रतिशत प्लॉट और आबादी की समस्या के पूर्ण निपटारे की मांग कर रहे हैं। दोनों जगहों पर अब तक कोई भी स्थानीय नेता किसानों की समस्याएं सुनने नहीं पहुंचा है। किसान जनप्रतिनिधियों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी नाराज हैं। वे भी उनकी मांगों को ऊपर तक नहीं पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण को काफी समय दे दिया है। लेकिन, अब तक हमारी मांगों को लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही की जा रही है। इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस आंदोलन में भारी संख्या में महिलाएं भी हिस्सा ले रहीं हैं।