जबलपुर हाईकोर्ट
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मध्य प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिवीजन) भर्ती नियमों की वैधानिकता को चुनौती देने के याचिका पर हाईकोर्ट प्रशासन की तरफ से जवाब पेश कर दिया गया है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए उसकी प्रति सभी पक्षकारों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। याचिका पर अंतिम सुनवाई 12 फरवरी को निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ता वर्षा पटेल और अन्य की ओर से दायर याचिका में हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने 23 जून 2023 को संशोधन करके ओबीसी वर्ग के लिए सभी योग्यताएं अनारक्षित वर्ग के समतुल्य किए जाने को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि न्यायिक सेवा में ओबीसी वर्ग को मात्र 14 फीसदी आरक्षण दिया गया है।
एलएलबी परीक्षा में बिना एटीकेटी के 70 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करना और तीन वर्ष के वकालत के अनुभव के साथ सिविल जज परीक्षा के लिए पात्रता निर्धारित है। साक्षात्कार में 50 अंकों में से 20 अंकों की अनिवार्यता है। कोर्ट ने सभी याचिकाओं को संलग्न कर उनकी सुनवाई एक साथ करने के निर्देश भी दिए। याचिका की सुनवाई के दौरान बुधवार को हाईकोर्ट प्रशासन की तरफ से जवाब पेश किया गया। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए।