सुबीर कुमार चौधरी
मरवाही. छत्तीसगढ़ के मरवाही को हमेशा ही भालू के लिए पहचाना जाता है, लेकिन अब यहां कुछ ऐसे जीव भी नजर आया है इस इलाके में पहली कभी नहीं देखा गया. मरवाही के जंगल में नजर आया है यूरेशियन ओटर जिसे हिंदी में ऊदबिलाव कहा जाता है. यह छत्तीसगढ़ में दूसरी दफे नजर आया है. इसका मरवाही में पाया जाना चौंकाने वाला विषय है. इस ओटर का मिलना इस बात को बताता है कि इस क्षेत्र की जैव विविधता कितनी बड़ी है. इसे गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही क्षेत्र के नाका तराखर्रा में देखा गया है.
ओटर का वीडियो नाइट विजन ट्रैप कैमरे में कैद की गई है. इसमें साफतौर पर दिखाई दे रहा कि सुखाड़ नदी में चट्टान पर ओटर चढ़त है. फिर पानी में वापस चला जाता है. यूरेशियन ओटर इससे पहले छत्तीसगढ़ के कोरबा में नजर आया था. ये लुप्तप्राय श्रेणी का जीव है. एशिया के कई हिस्सों में और उत्तरी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में ओटर पाया जाता है.
पहली बार मरवाही में आया नजर
यूरेशियन ऊदबिलाव का आहार मुख्य रूप से मछली है. यह कुछ हिस्सों में लुप्तप्राय है. इसे पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश , म्यांमार और थाईलैंड में लुप्तप्राय और मंगोलिया में गंभीर रूप से लुप्तप्राय जीव के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. हालांकि वे पानी में शिकार करते हैं और खाने की तलाश करते हैं. यूरेशियाई ऊदबिलावों के घोंसले या मांद जमीन पर होते हैं. ये मांद अक्सर चट्टानी तटबंधों, पेड़ों की खोहों, मिट्टी की सुरंगों और झाड़ियों में पाई जाती हैं.
यूरेशियन ऊदबिलाव इन मांदों का उपयोग आराम करने, सोने, बच्चे पैदा करने और धूप सेंकने के लिए करते हैं. इसके साथ ही ट्रैप कैमरे में हनी बैजर और जंगल कैट भी उसी जगह नजर आया. मरवाही वनमंडल के डीएफओ शशिकुमार ने बताया कि मरवाही के ताराखर्रा में ट्रैप कैमरे में यूरेशियन ओर्टर को देखा गया जो यहां के लिए नया है. मरवाही में पहली बार ये नजर आया है. प्रकृतिप्रेमी और गुरुघासीदास विश्वविद्यालय में वानिकी की छात्रा स्वभा सोनी ने बताया कि ये एक लुप्तप्राय जीव है और छत्तीसगढ़ में इससे पहले कोरबा में देखा गया है. ये दूसरी बार मरवाही में नजर आया है.
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FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 19:18 IST