सौरभ तिवारी/बिलासपुरः अगर इंसान सच्चे मन से मेहनत करे और अपनी तकदीर बदलना चाहे तो भले देर हो सकती है लेकिन अंधेर नहीं. इस बात को बिलासपुर की अम्मा सच करती हैं. इनसे जब नाम पूछा गया, तो इन्होंने कहा कि मुझे बस अम्मा कहिए. नाम बताने में वह खासा रुचि नहीं ले रहीं थी. लेकिन अपनी कहानी बताई तो हम भी भावुक हो गए.
दरअसल, बिलासपुर के गांधी चौक पर श्री बुक डिपो के बाजू में अम्मा के पराठे नाम से एक शॉप है. यहां आपको स्वादिष्ट पराठा मिल जाएगा, साथ ही साथ अम्मा के यहां खाना भी मिलता है. जिसका स्वाद लाजवाब होता है. यहां का खाना खाकर आपको वाकई घर के मां के हाथ के खाने की याद आ जाएगी. लेकिन सबसे खास है, अम्मा की कहानी.
अम्मा ने बताया कि वह एक गरीब घर से नाता रखती थी. घर पर बच्चे थे और गरीबी अपना साया फैलाए हुए थी. वह जैसे तैसे करके अपना घर का गुजारा करती थीं और बच्चों का पेट पालती थीं. तो वहीं जब एक दिन वह अपने बच्चों के लिए पराठे बना रहीं थीं. तब बच्चों ने कहा की अम्मा आपके हाथ में जादू है आप होटल खोल लो. अम्मा ने इस बात पर ध्यान दिया और फिर पराठे की दुकान लगाना शुरू कर दिया. अम्मा जहां पहले दुकान लगाती थी. वह दुकान 10 साल पुरानी हो चुकी है तो वहीं अब इस नए दुकान पर वह 3 साल से पराठा और खाना खिला रही हैं.
स्टूडेंट का है सबसे अधिक फेवरेट
अम्मा ने बताया कि उनके बनाए हुए खाने और पराठे को लोग और खास कर स्टूडेंट्स खास पसंद करते हैं. आज हाल यह है की बच्चे अम्मा के यहां स्वादिष्ट पराठा खाने तो आती ही हैं लेकिन साथ ही साथ सैकड़ों बच्चे यहां से डेली टिफिन लेकर जाते हैं.
अम्मा ने बताया कि आज सालों की मेहनत का फल है कि कभी गरीबी के साए में जीवन बिताने को वह मजबूर थी और आज उनकी दुकान है. 8 से 10 अन्य महिलाएं उनके यहां काम करती हैं और अम्मा ने मेहनत से आज खुद का घर भी बनवा लिया है और शहर में जमीन भी है.
मिलते हैं यह आइटम
अम्मा के पराठे दुकान में आपको आलू पराठा, सत्तू पराठा, पनीर पराठा, गोभी पराठा समेत कई अन्य तरह के पराठे मिल जाएंगे. तो वहीं यहां मात्र 20 रुपए से पराठे शुरू हो जाते हैं. यहां आपको थाली सिस्टम में खाना भी मिलेगा और यहां से आप एक या दो टाइम का मंथली टिफिन भी लगवा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 18:06 IST