राजनांदगांवः अक्सर आपने देखा होगा की देवी देवताओं पर चढ़ने वाले आस्था के फूल पूजा अर्चना के बाद नदी नाले में बहा दिए जाते हैं या फिर उसे फेंक दिया जाता है, जिसे पर्यावरण के साथ ही नदी नाले भी प्रदूषित होते हैं. लेकिन राजनांदगांव में हरियाली बहिन एक अनोखा प्रयास कर रही हैं. जहां महिलाओं के द्वारा इन फूलों को इकट्ठा कर इनसे अगरबत्ती बनाया जा रहा है. जिससे नदी नाले और तालाब प्रदूषित न हो.
राजनांदगांव जिले के विभिन्न गणेश पंडालों में हरियाली बहिनी की महिलाओं के द्वारा पहुंचकर फूलों को एकत्रित किया जा रहा है और लोगों से फूलों को नदी नालों में नहीं बहाने अपील की जा रही है. जिससे नदियों को प्रदूषित होने से बचाया जा सके. विभिन्न गणेश पंडालों में पहुंचकर महिलाओं द्वारा फूलों को एकत्रित करने का काम किया जा रहा है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
फूलों से बनाती हैं अगरबत्ती
हरियाली बहिनी के द्वारा अनोखा प्रयास करते हुए गणेश पंडालों से आस्था के फूलों को संग्रहण कर इन फूलों से अगरबत्तियों का निर्माण कराया जा रहा है. बम्लेश्वरी महिला प्रोडक्शन कंपनी इससे अगरबत्ती बना रही है और नदी नालों को दूषित होने से बचाया जा रहा है और इन फूलों से सुगंधित अगरबत्तियों का निर्माण किया जा रहा है.
नदी नालों को दूषित होने से बचाना उद्देश्य
कस्तूरी, पूर्णिमा, पुष्पा मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह के तहत जुड़ी हुई हैं जो हरियाली बहिनी अभियान चला रही हैं.कस्तूरी ने बताया कि हरियाली बहिनी के द्वारा अनोखी मिसाल कायम की जा रही है. गणेश पंडालों से आस्था के फूलों को संग्रहण कर तालाबों को दूषित होने से बचाया जा रहा है. हमारा प्रमुख प्रयास है पर्यावरण को संरक्षित किया जाए और नदी नालों को दूषित होने से बचाया जाए. ज्यादातर त्यौहार सीजन में मंदिरों और पंडालों से फूल एकत्रित होते हैं. जिन्हें व्यर्थ ही बहा दिया जाता है. जिससे पर्यावरण और नदियों को भी नुकसान होता है. इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक हरियाली बहिनी की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है और फूलों को एकत्रित कर अगरबत्ती और अन्य चीज बनाई जा रही है.
लगभग 5 साल पहले से किया जा रहा काम
करीब 5 साल पहले हरियाली बहनों द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की गई. जिसमें देवी देवताओं पर चढ़ाए जाने वाले आस्था के फूल से रोजगार देने की सूरत में हरियाली बहनों द्वारा गणेश समिति में जाकर आस्था के फूल को इकट्ठा किया जा रहा है. जमा हुए फूलों से अगरबत्ती बनाई जाएगी. जिससे हरियाली बहनों को रोजगार भी मिलेगा और नदी नाले और तालाब का पानी गंदा भी नहीं होगा. वर्तमान में हरियाली बहनों द्वारा गणेश समितियों में जाकर फूल इकट्ठा किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों में जागरूकता लाने के लिए एक रथ भी राजनांदगांव और आसपास ग्रामीण अंचलों में निकाला गया है ताकि आम जनता को इसकी जानकारी मिल सके.
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FIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 22:25 IST