रामकुमार नायक/ रायपुरः प्राचीन परंपरा से लोगों का मानना है कि वर वधु की खुशी के लिए विवाह सदैव एक शुभ दिन यानी शुभ मुहूर्त पर किया जाना चाहिए. ताकि उनका घर गृहस्थी जीवन मंगलमय हो. यह संभवतः सबसे पुराने अनुष्ठानों में से एक है, जिसे आज तक व्यापक रूप से सम्मान दिया जाता है. मकर संक्रांति के बाद एक बार फिर विवाह कार्यक्रमों की रफ्तार बढ़ने वाली है. ऐसे में शादी -विवाह जैसे बड़े अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए पहले से कुंडली मिलान किया जाता है और शादी का शुभ मुहूर्त विचारा जाता है.
मान्यता है कि शादी यदि शुभ मुहूर्त और ज्योतिष के नियमों को ध्यान में रखते हुए की जाती है तो जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है. राजधानी रायपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि पंचांगकर्ताओं के द्वारा पंचांग में अलग से विवाह आदि अन्य समस्त मुहूर्त को निकाल कर दिया जाता है. उसके अनुसार सर्व चक्र शुद्ध यह मुहूर्त हमें स्वीकार करना होता है कि किस तारीख को हम यह अपने घर परिवार में अपने बच्चों की विवाह कर सकते हैं.
इतने शुभ मुहूर्त शेष
इस बार फरवरी के महीने में आने वाले 14, 18 और 19 इस तरह से तीन विवाह के लिए मुहूर्त शेष बचे हुए हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से प्रकाशित पंचांग यानी श्रीदेव पंचांग के अनुसार यह छत्तीसगढ़ के निवासियों के लिए विशेष है, क्योंकि क्षेत्र विशेष में अलग-अलग पंचांग प्रकाशित होती है और इनका निर्धारण इस क्षेत्र के लिए इसलिए किया जाता है. श्रीदेव पंचांग के अनुसार छत्तीसगढ़ में सूर्योदय सूर्यास्त का समय सटीक है. जिस क्षेत्र में हम निवास कर रहे होते हैं और उस क्षेत्र के पंचांग के अनुसार मुहूर्त का पालन करते हैं तो निश्चित ही फलदायी होती है.
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FIRST PUBLISHED : February 6, 2024, 10:33 IST
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