अनूप पासवान/कोरबाः- देश में आधुनिकता बढ़ती जा रही है, लेकिन उसके साथ ही इसका विपरीत असर भी देखने को मिलता रहता है. यह सभी जानते हैं कि आधुनिकरण का सीधा असर परिंदों पर हुआ और पंछियों की तादात में तेजी से कमी आई. मगर कोरबा के व्यवसायियों की संवेदनशीलता के कारण अब भी सैकड़ों कबूतर बेफिक्री से शहर के बीच लोगों के साथ घंटों वक्त बिताते हैं. मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग कबूतरों को दाना खिलाते हुए बाते करते हैं.
तस्वीर में दिखी मनमोहक झलक
ये मनमोहक तस्वीर कोरबा के मुख्य मार्केट निहारिका इलाके की है. सैकड़ों कबूतर हर रोज यहां आते हैं. वाहनों की आवाजाही और शोर–सराबे के बीच परिंदे निस्फिकर होकर यहां वक्त बिताते हैं. व्यवसायियों के अलावा आम राहगीर भी रुककर इन प्यारे परिंदों को करीब से देखते हैं और इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. कुछ लोग हर सुबह मॉर्निग वॉक के दौरान इनके लिए दाना लेकर आते हैं.
चारा डालना पुण्य का काम
कुछ लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में यह भी एक अहम कार्य बन गया है. सुबह उठकर सैर पर निकले लोग अपने साथ मुट्ठी भर अनाज के दाने लेकर निकलते हैं. वही इन पक्षियों को भी दाना डालने वालों का इंतजार रहता है. कबूतरों को दाना डाल रही महिला राजबाला ने बताया कि वे सुबह उठकर सैर करने के साथ-साथ पुण्य भी कमाती हैं. पशु-पक्षियों को दान या चारा डालना पुण्य का काम होता है.
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FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 17:32 IST