(सतीश चांडक), सुकमा. छत्तीसगढ़ में 30 जनवरी को नक्सलियों ने जवानों पर अचानक हमला बोल दिया. इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए और 15 जवान घायल हो गए. इस हमले की तहकीकात में ये बात सामने आई कि नक्सलियों ने सोची-समझी प्लानिंग के तहत इस हमले को अंजाम दिया. जिस जगह हमला हुआ वहां जवानों ने उसी दिन नया कैंप बनाया था. ये कैंप नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन नंबर-1 का गढ़ है. ये बटालियन टेकलगुड़ा इलाके पर राज करती है. नक्सलियों ने जवानों पर हमला करने से पहले महिलाओं को आगे कर दिया.
महिलाएं आगे थीं और एंबुश उनके पीछे तालाब के आसपास लगाया गया. नक्सली स्पाइनर और आधुनिक हथियारों से जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे. वे जवानों पर बीजीएल यानी देसी बम भी फेंक रहे थे. ज्यादातर जवान इन्हीं बमों के छर्रों से जवान घायल हुए. कई बम अभी भी खेतों में हैं, जो नहीं फटे. बता दें, टेकलगुड़ा इलाके में नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन नम्बर-1 काम करती है. इस बटालियन को पहले माड़वी हिड़मा लीड करता था. उस पर सरकार ने 50 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. लेकिन, अब इस बटालियन की कमान देवा उर्फ साईनाथ के हाथ मे आ गई है. बताया जाता है कि साईनाथ उर्फ देवा झीरम व अरनपुर घटना में शामिल रहा है. इस हमले में 300 से ज्यादा नक्सली शामिल थे. इनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में थीं.
जवानों को करना पड़ा एंटी माइन व्हीकल का इस्तेमाल
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों ने दोपहर 12 बजे अचानक जवानों पर हमला बोल दिया. चौतरफा अत्याधुनिक हथियारों से गोलियां चलने लगीं. जंगल से नक्सली बीजीएल (ब्रेरेल ग्रेनेड लॉन्चर) दाग रहे थे. बाहर ड्यूटी कर रहे जवानों ने मोर्चा संभाला और जवाबी करवाई करनी शुरू कर दी. नक्सली कमांडर देवा अपने 300 साथियों के साथ फायरिंग कर रहा था. जवानों ने भी एंटी माइन व्हीकल के जरिये फायरिंग करनी शुरू कर दी. तब जाकर नक्सली बैकफुट पर आए. करीब 4 घंटे तक चली मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हुए और 15 घायल हुए. पुलिस का दावा है कि इस मुठभेड़ में नक्सलियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है.
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जहां जवान जाने में डरते थे वहां स्थापित हुआ कैंप
टेकलगुड़ा गां में अप्रैल 2021 में जवानों पर नक्सलियों ने हमला बोला था. इस हमले में 22 जवान शहीद हुए थे. जबकि, एक जवान का अपहरण हुआ था. इस इलाके में जवान सर्चिंग करने के लिए बड़ी मशक्कत करके पहुंचते थे. ये इलाका पूर्वर्ती से महज 5 किमी दूर है. यहीं बटालियन नंबर-1 का लीडर हिड़मा रहता है. नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले इलाके में न सिर्फ जवान पहुंचे हैं, बल्कि कैंप भी स्थापित कर रहे हैं. ये सुरक्षा बल के लिए किसी बड़ी सफलता से कम नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : February 1, 2024, 11:44 IST