Monday, December 23, 2024
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पांन्डिचेरी जाते थे फ्रांस के ये टूरिस्ट, गूगल में ये स्थान देख बदला प्लान

सौरभ तिवारी/बिलासपुरः- छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण राज्य है. यहां के नदी, पहाड़ और झरने लोगों को सहज ही आकर्षित करते हैं. सरगुजा से लेकर बस्तर तक छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है. छत्तीसगढ़ में आप जिस ओर जाएंगे, आपको प्राकृतिक सुंदरता दिखेगी. वहीं अब छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता को देखने विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं.

बस्तर में हर साल हजारों विदेशी सैलानी यहां की प्रकृति, रहन-सहन के साथ ही यहां की संस्कृति को देखने के लिए आते रहते हैं. लेकिन पहली बार फ्रांस से पहुंचे सामाजिक सेवा करने वाले दंपती यहां के रहन-सहन से काफी खुश नजर आए और लाल चींटी की चटनी को भी चखा. साथ ही बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के साथ रहकर नए-नए अनुभव लिए. यहां की आवभगत से प्रसन्न होकर उन्होंने बस्तर दोबारा आने की बात भी कही.

ऐसे बना बस्तर का प्लान
फ्रांस के दंपती मर्लिन, उनके पति एरिक, वेरोनिक, क्लाउड पहली बार बस्तर आए. ये सभी फ्रांसीसी सैलानी अक्सर पांडिचेरी जाते रहते हैं और अपनी छुट्टियां वहीं बिताते हैं. लेकिन इस बार जब वो गूगल मैप से आस-पास के पर्यटन क्षेत्र की खोजबीन कर रहे थे, तो उन्हें कांगेर वेली की जानकारी मिली, तो उन्होंने यहां आने का निश्चय भी किया. गूगल से इस क्षेत्र की जानकारी इकट्ठा करते हुए उन्हें यहां की संस्कृति, बाजार, मेले-मड़ाई के अलावा अतिरिक्त नक्सलवाद से संबंधित जानकारी मिली.

बस्तर में इन स्थानों का उठाया लुत्फ
सभी फ्रांस के सैलानी जब बस्तर पहुंचे, तो उन्होंने यहां विभिन्न चीजों का लुत्फ उठाया. बस्तर के करपावण्ड ग्राम का मेला, तीरथगढ़, चित्रकोट, दरभा और नानगुर का बाजार, एंथ्रोपोलॉजी म्यूजियम घूमने पहुंचे. बस्तर ट्राइबल होमस्टे में रहकर उन्होंने स्थानीय भोजन का आनंद लिया. कांगेर वेली स्थित गुड़ियापदर व बामनारास में गोंड व धुरवा जनजाति समाज की जीवनशैली व नृत्य को देखा और उसकी काफी सराहना की.

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खाई चीटी की चटनी
फ्रांस से आए सैलानियों ने बस्तर की लाल चींटी की चटनी का भी आनंद लिया. सभी सैलानियों का यह मानना था कि भारत का यह क्षेत्र ऐसा नितांत क्षेत्र है, जहां न केवल संस्कृति, कला और शानदार जीवन शैली है, बल्कि वनों से आच्छादित यह क्षेत्र सुंदर जल प्रपात, पशु-पक्षियों से परिपूर्ण है. यहां का पारिस्थितिक तंत्र बेहद नाजुक है और इसे सहेजने की भी आवश्यकता है.

Tags: Bilaspur news, Chhattisgarh news, Local18, Tourist Places

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