आकाश शुक्ला
रायपुर. छत्तीसगढ़ मेडिकल कारपोरेशन (CGMSC) द्वारा घटिया दवा सप्लाई का खेल सामने आया है. दरअसल, CGMSC द्वारा राज्य के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की गई पेंटाप्रजोल (गैस की दवा) अमानक पाई गई है. यानी जो दवा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बांटी गई, वह किसी काम की नहीं थी. जब दवा के अमानक होने की बात सामने आई तब तक 8 लाख दवाएं मरीजों को खिला दी गई थी. अब कितने मरीजों को साइड इफेक्ट हुआ, कितनों के जान पर बन आई है, यह विभाग को पता ही नहीं है. हालांकि, CGMSC की एमडी पद्मिनी भोई साहू ने जांच की बात कही है.
इधर, सरकारी अस्पतालों में CGMSC द्वारा सप्लाई की गई सेफोडॉक्सिम (एंटीबायोटिक) और लिवो स्ट्रीजिन (एंटी एलर्जी) दवा को लेकर भी शिकायत हुई है. इसके बाद सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. पूरे मामले को अधिकारी दबाने में लगे हैं. मामले की सही जांच हुई तो सब स्टेंडर्ड दवाओं का बड़ा खेल सामने आएगा, जो सीधे करोड़ों रुपए के कमीशनखोरी से जुड़ा हुआ है. इसमें कई अधिकारी जेल तक जा सकते हैं.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
दरअसल, दवा को लेकर शिकायत मिलने पर इसकी जांच हुई. सेंट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन वेस्ट जोन मुंबई ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल के सेंट्रल स्टोर को 27 दिसंबर को पत्र जारी किया, जो 12 जनवरी को अस्पताल प्रबंधन को मिला. इसमें दवा के सब स्टेंडर्ड होने की बात कही गई. मामले की जानकारी CGMSC को होने के बाद आनन फानन में सभी सरकारी अस्पतालों को दवा वापस करने के लिए पत्र लिखा गया.
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल बोले दोषियों पर होगी कार्रवाई.
कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी
CGMSC के जीएम तकनीक (ड्रग) हिरेन पटेल ने बताया कि यह दवा मान फार्मा कंपनी की है. जुलाई में करीब 10 लाख पेंटाप्रजोल दवा को राज्य के अस्पतालों में सप्लाई की गई थी. दवा अमानक पाई गई है. कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री बोले- होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल का कहना है कि अमानक दवा को लेकर हमने अधिकारी से कहा है जांच करें. जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर कार्रवाई होगी. मैंने अस्पतालों का दौरा किया है. सरकारी अस्पतालों में बेहतर सेवाएं मिले, यह सुनिश्चित करेंगे. तो वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश गुप्ता का कहना है कि दवा का अमानक पाया जाना बेहद गंभीर लापरवाही है. पहले भी इस तरह के मामले आए हैं. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो. CGMSC में पारदर्शिता की आवश्यकता है ताकि मरीजों के लिए बेहतर दवाएं मिल सके.
.
Tags: CG News, Raipur news
FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 15:16 IST