मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रगतिरत परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क विकास कार्यों में हम किसी से पीछे नहीं रहेंगे। विशेषकर अधिक यातायात वाले मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से उच्च स्तर का समन्वय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं को गुणवत्ता और तय समयसीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में फोर लेन राष्ट्रीय राजमार्ग मंजूरी में देश में पहले स्थान पर जगह बनाई है, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने राजमार्गों से जुड़े भू-अधिग्रहण के लंबित मामलों को शीघ्र सुलझाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क परियोजनाओं की गति को और तेज किया जाएगा ताकि विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए।
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उज्जैन में एलिवेटेड रोड बनाने की योजना
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर के पास एक एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि इससे रेलवे स्टेशन और महाकाल मंदिर के बीच यातायात में सुधार होगा और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी।
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गडकरी का 10 अप्रैल को बदनावर दौरा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 10 अप्रैल को धार जिले के बदनावर दौरे पर आएंगे। इस दौरान वे 218 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसकी कुल लागत 3502 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही 110 किलोमीटर लंबी अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भूमिपूजन भी किया जाएगा, जिनकी लागत 2330 करोड़ रुपये है।
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नए राजमार्गों की मंजूरी के लिए सीएम करेंगे केंद्रीय मंत्री से आग्रह
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिनकी मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं में बदनावर-पेटलावद-थांदला, पूर्वी इंदौर बायपास, उज्जैन-झालावाड़ 4 लेन मार्ग, और ग्वालियर-भिण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। इन परियोजनाओं को केंद्र से जल्द मंजूरी दिलाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से व्यक्तिगत रूप से आग्रह करेंगे। इसके अलावा, लखनादौन से रायपुर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की भी योजना है, जो विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले क्षेत्र में विकसित होगा। यह परियोजना 200 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 5985 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न सिर्फ यातायात में सुधार होगा, बल्कि राज्य में विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि राजमार्गों का निर्माण और उनकी उन्नति प्रदेश के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।