इंदौर में सड़क की दरारों, खुले चैंबरों और गड्ढों की वजह से कई बड़े हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन न तो किसी पीड़ित को कोई मुआवजा मिलता है न ही जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होती है। इन सभी मामलों में पीड़ितों की कहीं पर शिकायत भी दर्ज नहीं होती।
हादसों में नंबर वन है इंदौर
पूरे देश में स्वच्छता के मामले में नंबर वन इंदौर सड़क हादसों के मामले में भी पूरे मप्र में नंबर वन है। साल 2024 में इंदौर में कुल 6,075 सड़क हादसे हुए हैं। 2023 में इनकी संख्या 5,714 थी। प्रदेश के अन्य शहरों की बात की जाए तो भोपाल दूसरे, जबलपुर तीसरे और ग्वालियर चौथे नंबर पर है। यहां क्रमश: 5,390, 4148, 3,092 सड़क हादसे हुए हैं। इंदौर में होने वाले सड़क हादसों में बड़ी संख्या उन हादसों की भी है जो सड़क की दरारों, खुले चैंबरों और गड्ढों की वजह से होते हैं।
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निगम कमिश्नर ने वायएन रोड पर दरारें भरवाईं।
– फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
महिला की जान गई तो जागा निगम
दो दिन पहले पलासिया क्षेत्र में हुए एक हादसे में एक महिला की जान जाने के बाद निगम जागा और तुरंत सड़कों की दरारें भरने के लिए काम शुरू कर दिया। वायएन रोड पर नगर निगम कमिश्नर के आदेश के बाद आज सुबह तुरंत सड़कों की दरारों को भरा गया।
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इसी वायएन रोड पर आगे कई जगह दरारें हैं।
– फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
किसी तरह का मुआवजा नहीं देता निगम
इस तरह के हादसों के लिए सरकार, प्रशासन और नगर निगम के द्वारा किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया जाता। न तो जिम्मेदारों की लापरवाही तय होती है न ही पीड़ित को इंसाफ मिल पाता है।
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जंजीर वाला चौराहे पर भी यही हाल हैं।
– फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
एजेंसी पर करेंगे कार्रवाई
नगर निगम की जनकार्य समिति के प्रभारी अभिषेक शर्मा ने बताया कि चैंबरों के रखरखाव की निगरानी की व्यवस्था करेंगे। इसके लिए बहुत जल्दी जीओ टैगिंग लागू की जाएगी। काम में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। चैंबर की शिकायत मिलने पर एजेंसी को कार्रवाई करना होती है, अगर वह ऐसा नहीं कर रही है तो हम कार्रवाई करेंगे।