Thursday, April 17, 2025
Homeमध्यप्रदेशSehore News: सीहोर में गेहूं खरीदी में बड़ी लापरवाही, वेयर हाउस पर न...

Sehore News: सीहोर में गेहूं खरीदी में बड़ी लापरवाही, वेयर हाउस पर न कोड का पता और न किसान के नाम का

सीहोर में मूंग खरीदी में गड़बड़ी के बाद अब गेहूं खरीदी में भी वेयर हाउस संचालक मनमानी पर उतारू हैं और लगातार सोशल मीडिया पर वेयर हाउसों पर बनाये गए उपार्जन केंद्रों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में फ्लैट कांटे से गेहूं का भंडारण करने के बाद उसे न केवल जेसीबी से ढेर लगाया जा रहा है, बल्कि खरीदी के बाद भरी गई कट्टियों में भी नियमों की अनदेखी की जा रही है। स्थिति यह है कि कट्टियों में न तो किसान कोड का पता है ओर न ही किसान के नाम का। ऐसे में यह समझ पाना मुश्किल है कि वेयर हाउस में बेचा गया गेहूं किस किसान और समिति का है। इस मामले में जिला कलेक्टर का आदेश भी धूमिल होता हुआ दिखाई दे रहा है।

Trending Videos

उल्लेखनीय है कि भैरूंदा क्षेत्र में सरकारी खरीदी के दौरान लगातार अनियमितता की शिकायत उभरकर सामने आती हैं। मूंग खरीदी में बड़ी हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद लगभग दो दर्जन गोदामों को ब्लैक लिस्टेड किया गया था। स्थिति यह है कि इस बार खरीदी में कई वेयर हाउस ऐसे हैं, जिन्हें पूर्व में ब्लैक लिस्टेड किये जाने के बाद पुन: उपार्जन केंद्र बनाया गया है। इसके बावजूद वेयर हाउस संचालक सरकार के नियमों को ताक में रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कारण यह है कि संचालकों को वेयर हाउस भरने की चिंता अधिक है। उन्हें अपने किराये से मतलब है और वह किराये के लिए सरकार के किसी भी नियम को तोड़ने के लिए हमेशा उतारू रहते हैं।

ये भी पढ़ें-  नकली सोने की गिन्नी बेचकर करोड़ों की ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब, बैतूल में दो आरोपी गिरफ्तार

वायरल फोटो में कट्टियों में न किसान कोड न समिति के नाम का टेक

शनिवार को भैरूंदा क्षेत्र के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाट्सएप पर एक के बाद एक कई उपार्जन केंद्रों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए। जिसमें उपार्जन केंद्र का नाम का उल्लेख नहीं है। वायरलकर्ता वेयर हाउस संचालकों के द्वारा की जा रही मनमानी को सरकार तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। स्थिति यह है कि वायरल फोटो में उपार्जन केंद्रों पर लगाई जा रही स्टैक में किसी भी प्रकार का टैग कट्टियों पर नहीं लगाया गया है। कट्टियों में लगाये जाने वाले टैग में किसान कोड और समिति का नाम अंकित होना अनिवार्य है। संचालक प्रतिदिन फ्लैट कांटे से ट्रालियों का वजन करने के बाद गोदामों में गेहूं डंप कर रहे हैं। इसके बाद जेसीबी से गेहूं को समेट कर उसका ढेर लगा रहे हैं। देर रात तक केंद्रों पर कट्टियों को भरकर स्टैग लगाई जा रही हैं।

आखिर जिला उपार्जन समिति क्यों नहीं कर रही केंद्रों की जांच

सवाल यह उठता हैं कि जिला कलेक्टर के निर्देशों की सरेआम उपार्जन केंद्रों पर अवहेलना किये जाने का मामला प्रकाशित होने के बाद भी अब तक जिला उपार्जन समिति के सदस्यों द्वारा उपार्जन केंद्रों का जायजा नहीं लिया जा रहा है। जिसके चलते वेयर हाउस संचालकों के हौंसले बुलंदी पर पहुंचते जा रहे है और शासन के नियमों को तॉक पर रख खरीदी का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

ये भी पढ़ें- अवैध खनन को लेकर बुजुर्ग की हत्या, वाहन रोकने जेसीबी के सामने आ गया था वृद्ध, चार आरोपी गिरफ्तार

किसानों की मांग- जल्द किया जाए उपज का भुगतान

जिन किसानों द्वारा उपार्जन केंद्रों पर गेहूं का विक्रय किया जा चुका हैं,उनके खातों में भी उपज का भुगतान देरी से हो रहा है। कुछ किसानों ने बताया कि उपज बेचे 14 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक खाते में राशि का हस्तांतरण नहीं किया गया है। किसानों ने यह भी बताया कि हमें बाजार से खरीदे गए कृषि यंत्रों, बीज, दवाओं सहित पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए पैसों की आवश्यकता है। इसी माह से शादी विवाह के मुहूर्त होने के कारण खरीदारी में सबसे अधिक पैसों की आवश्यकता लग रही हैं, लेकिन सरकार समय पर भुगतान नहीं कर रही हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments