सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षा बल के जवानों और नक्सलियों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई. इस दौरान जवानों ने 16 नक्सलियों को मार गिराया. वहीं 2 जवान भी घायल हुए. मुठभेड़ के बाद जवानों ने इलाके से कई हथियार भी बरामद किए हैं. कहा जा रहा है कि सुकमा जिले में जवानों को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. मगर, अब सवाल उठता है कि जहां सूरज भी अपनी रोशनी नहीं पहुंचा पाता है वहां 4 साल में पहली बार जवान कैसे पहुंच गए. आइए जानते हैं आखिर सुकमा जिले में इस सबसे बड़े ऑपरेशन होने की वजह क्या है…
सुरक्षा बलों को मिली थी ये लीड
जानकारी के अनुसार, जिले के केरलापाल थानाक्षेत्र के गोगुंडा की पहाड़ी पर नक्सली कमांडर जगदीश के होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान रवाना हुए. जवान जब सर्चिंग अभियान चला रहे थे, तभी नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने 16 नक्सलियों को ढेर कर दिया. हालांकि, मुठभेड़ में दो जवान भी घायल हो गए.
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पूरा इलाका पहाड़ों से घिरा
सबसे बड़ी बात यह है कि जवानों ने जहां ऑपरेशन चलाया वो पूरा इलाका पहाड़ों से घिरा हुआ है. इस ऑपरेशन की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 4 साल में इस दुर्गम इलाकों में, जो कि नक्सलियों का गढ़ रहा है, वहां पर पहली बार सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को घेर कर मारा है. सुरक्षाबल के जवान कोर इलाके में घुसकर ऑपरेशन कर रहे हैं. जिस इलाके में मुठभेड़ हो रही है उसे नक्सलियों का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता है. अधिकारियों के अनुसार, अभी मुठभेड़ जारी है और बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने की संभवना है.
‘हथियार बदलाव नहीं ला सकते’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 16 नक्सलियों के मारे जाने के बाद कहा कि हथियार रखने वाले और हिंसा का सहारा लेने वाले बदलाव नहीं ला सकते, शांति और विकास ही ला सकते हैं. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि नक्सलवाद पर एक और प्रहार! हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सुकमा में एक अभियान में 16 नक्सलियों को मार गिराया और स्वचालित हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार 31 मार्च, 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. हथियार रखने वालों से मेरी अपील है कि हथियार और हिंसा बदलाव नहीं ला सकते, शांति और विकास ही ला सकते हैं.
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ऑटोमेटिक हथियार भी बरामद
खबरों के मुताबिक, गोगुंडा इलाके में कमांडर जगदीश के होने की सूचना पर रात 12 बजे डीआरजी और सीआरपीएफ के जवानों को ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया था, जहां सुबह 6 बजकर 50 मिनट में गोलीबारी शुरू हुई, इस ऑपरेशन में घायल हुए दोनों जवानों को उपचार के लिए रायपुर भेजा जाएगा. वहीं मुठभेड़ को एसपी किरण चव्हाण ने वॉर रूम से मॉनीटर किया है. मुठभेड़ के दौरान ऑटोमेटिक हथियार भी बरामद हुए हैं. मुठभेड़ की जगह से भारी मात्रा में AK 47, एसएलआर, आईएनएसएएस राइफल राइफल, .303 Rifle, रॉकेट लांचर, बीजीएल लांचर हथियार समेत विस्फोटक बरामद किए गए हैं.
टॉप लीडर को घेरा
वहीं, जवानों ने नक्सलियों के टॉप लीडर को घेर लिया है. सुकमा डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान भी ऑपरेशन में शामिल हैं. शुरुआती जानकारी के अनुसार, सुकमा एसपी खुद इस ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं. मुठभेड़ सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र में हो रही है. ये एनकाउंटरदरबा डिविजन में हु़आ है. जवानों ने पहाड़ियों के बीच इस बड़ी मुठभेड़ को अंजाम दिया है. नक्सलियों के सबसे दुर्गम इलाके में से एक केरलापाली कमेटी के सदस्य इस एनकाउंटर में मारे गए हैं.