दिल्ली, गुजरात और मालवा में मुगल बादशाहों के आक्रमणों से अपने राज्यों की रक्षा करने वाले राणा सांगा के पराक्रम और वीरता को हमेशा ही याद किया जाता रहा है। वह एक शक्तिशाली राजा थे, जिन्होंने मेवाड़ में 1509 से 1528 तक शासन किया था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने महाराणा सांगा पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘गद्दार’ कहा है। सांसद ने अपने बयान में यह भी कहा कि “इब्राहिम लोदी को हराने के लिए महाराणा सांगा बाबर को भारत लेकर आए थे, इसलिए वे गद्दार थे।” इस बयान के बाद राजपूत समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है।
पांच लाख रुपये इनाम देने की घोषणा
महाराणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद, पूरे देश भर में इस बयान का विरोध किया जा रहा है। वहीं श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह ने सपा सांसद का मुंह काला कर जूते मारने वाले को पांच लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह का कहना है कि “सांसद रामजीलाल सुमन ने हमारे पूज्यनीय और आदर्श महाराणा सांगा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं। मैं अपने सभी राजपूत भाइयों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के राजपूत भाइयों से अपील करता हूं कि ऐसे लोकसभा सदस्य का विरोध करें। जो भी इसका मुंह काला करेगा और इसे जूते मारेगा, उसे करणी सेना की ओर से पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
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सपा सांसद के इस बयान पर मचा बवाल
बता दें कि राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर बड़ा और विवादित बयान दिया था। सपा सांसद ने कहा कि बीजेपी के लोगों का तकियाकलाम हो गया है कि इनमें बाबर का डीएनए है। वे लोग हर जगह इस बात को दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमान तो बाबर को नहीं, मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानता है। यहां का मुसलमान सूफी-संतों की परंपरा को अपना आदर्श मानता है। रामजीलाल सुमन ने आगे कहा कि मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को आखिर लाया कौन? उन्होंने कहा कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लेकर आया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं, लेकिन तुम तो गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। बाबर की आलोचना हो, तो राणा सांगा की आलोचना क्यों नहीं?
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कौन थे राणा सांगा
राणा सांगा (महाराणा संग्राम सिंह) उदयपुर में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे और राणा रायमल के सबसे छोटे बेटे थे। राणा सांगा ने मेवाड़ में 1509 से 1528 तक शासन किया था, जो आज भारत के राजस्थान प्रदेश में स्थित है। राणा रायमल की मौत के बाद 1509 में राणा सांगा मेवाड़ के महाराणा बनाए गए थे। इन्होंने अपनी शक्ति के बल पर मेवाड़ साम्राज्य का विस्तार किया। राणा सांगा ने विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ सभी राजपूतों को एक किया था। इन्होंने दिल्ली, गुजरात और मालवा, मुगल बादशाहों के आक्रमणों से अपने राज्य की रक्षा की थी। उस समय के वह सबसे शक्तिशाली राजा थे।