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Ground Report: राजनांदगाव जिले में लगातार भूजल स्तर नीचे गिरते जा रहा है. कई जगह हैंडपंप सूखते जा रहे हैं. भूजल स्तर भी 350 फीट नीचे चला गया है.
भूजल स्तर
हाइलाइट्स
- राजनांदगांव जिले में जलस्तर 350 फीट नीचे गिरा.
- जिले के तीन ब्लॉक सेमीक्रिटिकल जोन में शामिल.
- लगभग 200 हैंडपंप सूखने की कगार पर.
राजनांदगांव- राजनांदगांव जिले में लगातार भूजल स्तर नीचे गिरते जा रहा है, जिसके कारण पानी की समस्या बन गई है, जिले के तीन ब्लॉक सेमीक्रिटिकल जोन में आ गए हैं. इसमें राजनांदगांव, डोंगरगढ़ और डोंगरगांव शामिल है. भूजल स्तर लगभग 350 फीट नीचे जा रहा है, जिसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसके साथ ही लगभग 200 हैंडपंप के सूखने की बात भी सामने आ रही है, इसके कारण जल संकट गहरा गया है.
राजनांदगांव जिले को 20 मार्च से 30 जून तक जलाभाव ग्रस्त घोषित किया गया है, कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई भी नए नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रकार के प्रयोजन के लिए खनन की अनुमति नहीं दी है. भूजल स्तर नीचे होने के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
राजनांदगांव जिले के तीन ब्लॉक सेमीक्रिटिकल जोन में है, जिसमें राजनांदगांव, डोंगरगढ़ और डोंगरगांव शामिल है. इसके साथ ही लगभग 200 हैंड पंप सूखने की कगार पर है. 350 फीट नीचे लगभग भूजल स्तर गिर चुका है. इसके कारण पेयजल संकट भी गहरा गया है.
वही इसको लेकर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने लोकल 18 को बताया कि लगातार पानी की समस्या दिनों दिन बन रही है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर टीम ने यहां सर्वे किया है, जहां तीन ब्लाक सेमी क्रिटिकल जोन में रखा गया है. चौथा ब्लॉक भी अगर इसी तरीके से दौहन हुआ तो वह भी सेमी क्रिटिकल जोन में आ जाएगा. जितना हम भूजल निकल रहे हैं. उसका रिचार्जिंग बहुत कम कर पा रहे हैं. लगातार बोर ट्यूबवेल के माध्यम से पानी निकाला जा रहा है.
इसके कारण यह समस्या बनी हुई है. लगभग 42000 ट्यूबवेल लगातार चल रहे हैं. बरसात का जो पानी आता है, उसे बहुत ज्यादा रोक नहीं पाते हैं, जब तक वाटर रिचार्जिंग बहुत अच्छी तरीके से नहीं करेंगे. सब लोगों का इसमें सहयोग लगेगा. कैसे हम भूजल का उपयोग कम से कम करें. वाटर रिचार्जिंग ज्यादा से ज्यादा करें. पौधारोपण ज्यादा से ज्यादा करें, अभी वॉटर क्राइसिस से 300-400 फीट में पानी आ रहा है. भूजल को संरक्षण करना आवश्यक है.
लगातार गिरते जल स्तर के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भूजल का अधिक दोहन के कारण यह परेशानी आ चुकी है, इसके कारण जिले में लगभग 200 हैंड पंप सूखने की कगार पर है. इसके साथ ही पानी लगभग 350 फीट नीचे चला गया है, जिला प्रशासन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा गांव में पंप के इस्तेमाल को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है.
लोगों को जल का कम उपयोग करने के साथ ही इसकी बर्बादी को रोकने के लिए जागरूक किया जा रहा है और जल के महत्व को बताया जा रहा है. लगातार बोरवेल, ट्यूबवेल पंप के माध्यम से भूजल के अत्यधिक दोहन के कारण समस्या आ रही है.