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ग्राम कोलियापुरी के किसान लकड़ी के कोयले में आर्किड फूल की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों रुपये की सालाना आमदनी हो रही है. इस अनोखी तकनीक से बिना मिट्टी के फूल उगाए जा रहे हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत पर ब…और पढ़ें
आर्किड फूल
हाइलाइट्स
- कोलियापुरी के किसान कोयले में आर्किड उगा रहे हैं.
- बिना मिट्टी के खेती से किसानों को लाखों की कमाई हो रही है.
- आर्किड फूलों की बाजार में भारी मांग है.
सूर्यकांत यादव/राजनांदगांव. कोलियापुरी गांव के किसान लकड़ी के कोयले में आर्किड फूल की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें शानदार मुनाफा हो रहा है. यह अनोखी तकनीक न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ा रही है, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रही है. सालाना लाखों रुपए कमाने वाले ये किसान अब दूसरे किसानों को भी इस खास खेती के लाभ और तकनीक के बारे में जागरूक कर रहे हैं.
गांव के किसान साक्षी देवांगन और गिरीश देवांगन ने अपने एक एकड़ के पॉलीहाउस में आर्किड फूल की अनोखी खेती शुरू की है, जहां ये फूल कोयले में उगाए जा रहे हैं. केयरटेकर जितेंद्र निषाद ने बताया कि एक एकड़ में 40,000 से 42,000 पौधे लगाए जाते हैं, जिनकी देखभाल ऑर्गेनिक और कीटनाशक दवाओं से की जाती है. खास बात यह है कि ये फूल लगभग 10 रुपए प्रति नग बिकते हैं और सिर्फ 6 महीने में तैयार हो जाते हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
इस तकनीक से किसान कर रहें मोटा मुनाफा
आर्किड फूल की खेती कोयले और नारियल के बुच में की जाती है, यहां कोयला इसके बढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है. पौधे बाहर से मंगवाकर कतारबद्ध तरीके से लगाए जाते हैं और उनकी देखभाल के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जाता है. इस तकनीक से फूलों की गुणवत्ता बेहतर रहती है और किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है.
मेहनत एक बार फल बार बार
लकड़ी के कोयले में बिना मिट्टी के आर्किड फूलों की खेती हो रही है, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. एक बार लगाने के बाद ये पौधे लंबे समय तक फूल देते हैं, जिससे सालों तक अच्छी आमदनी होती है.