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Agriculture News: कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गौतम राय बताते हैं कि गर्मी का महीना बकरी पालन शुरू करने का उचित समय नहीं है, लेकिन बकरियों के लिए यह सबसे अनुकूल मौसम होता है. बकरियों को पा…और पढ़ें
बकरी पालन
छत्तीसगढ़ में बकरी पालन किसानों और पशुपालकों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो रहा है. यहां की स्थानीय जलवायु और पारंपरिक देशी नस्लों के कारण व्यवसाय तेजी से फल-फूल रहा है. कृषि विशेषज्ञ डॉ गौतम राय के अनुसार, सही नस्लों के चयन और उचित देखभाल से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो सकता है.
छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से देशी नस्लों के अलावा जमनापारी, सिरोही और बीटल नस्ल की बकरियां पाली जाती हैं. स्थानीय देशी नस्लें वातावरण के अनुकूल ढलने की क्षमता रखती हैं. जिससे वे कम देखभाल में भी अच्छा उत्पादन देती हैं. वहीं, उन्नत नस्लों के मेल से तैयार नई पीढ़ी की बकरियों का विकास दर अधिक होता है. वे कम चारे में अधिक मांस उत्पादन करने में सक्षम होती हैं. इससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है.
बकरी पालन शुरू करने का सही समय
कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गौतम राय बताते हैं कि गर्मी का महीना बकरी पालन शुरू करने का उचित समय नहीं है, लेकिन बकरियों के लिए यह सबसे अनुकूल मौसम होता है. बकरियों को पानी से अधिक दूरी पर रखने से उनकी सेहत बेहतर बनी रहती है. उन्होंने बताया कि सर्दी के समाप्त होने और गर्मी के शुरू होने के समय बकरी पालन की शुरुआत करना सबसे अच्छा रहता है. इस दौरान बकरियों में शिशु मृत्यु दर कम रहती है और वे बेहतर तरीके से विकसित होती हैं.
गर्मी में बकरी पालन के फायदे
गर्मी के मौसम में बकरियां बेहतर चर सकती हैं. जहां वनस्पतियां कम होती हैं, वहां भी बकरियां ऊंचे स्थानों पर चढ़कर चारा खा सकती हैं. इसके अलावा, बारिश से पहले बकरियां अपने रहने के स्थान को पहचान लेती हैं, जिससे पशुपालकों को देखभाल में अधिक सुविधा मिलती है.
बकरी पालन से आर्थिक लाभ
बकरी पालन किसानों के लिए एक निश्चित आय का स्रोत बन सकता है. बकरी का दूध, मांस और गोबर की बिक्री से पशुपालकों को लगातार आय प्राप्त होती है. कम लागत और ज्यादा मुनाफे के कारण यह व्यवसाय छोटे और सीमांत किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है. छत्तीसगढ़ में बकरी पालन किसानों के लिए एक लाभदायक और टिकाऊ व्यवसाय के रूप में उभर रहा है। सही नस्लों के चयन, उचित देखभाल और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर पशुपालक इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं.