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Bilaspur Scam News : बिलासपुर में वी-राइज फाइनेंस कंपनी की महिला ने लोन का झांसा देकर लोगों के नाम पर एसी, एलईडी और मोबाइल खरीदे. पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
आधार कार्ड दिखाओ और लोन पाओ का झांसा देकर जरूरतमंदों को बनाया ठगी का शिकार
हाइलाइट्स
- बिलासपुर में वी-राइज फाइनेंस कंपनी ने लोन के नाम पर ठगी की
- जरूरतमंदों के नाम पर एसी, एलईडी और मोबाइल खरीदे गए
- पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया
बिलासपुर: बिलासपुर में एक ऐसी ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें जरूरतमंदों को लोन का सपना दिखाकर उनके नाम पर एसी, एलईडी और मोबाइल उड़ा लिए गए. वी-राइज फाइनेंस नाम की कंपनी चलाने वाली महिला ने लोगों को भरोसे में लेकर उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया. दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों को इलाज और व्यापार के लिए कर्ज चाहिए था, उनके नाम पर इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा गया और बदले में उन्हें आधे पैसे देकर टरका दिया गया. जब फाइनेंस कंपनियों की रिकवरी टीम उनके घर पहुंची, तब जाकर असली खेल सामने आया!
आधार-पैन दिखाओ, लोन पाओ… और फंस जाओ
तेलीपारा के बजरंग कॉम्प्लेक्स में फरहत सिंह नाम की महिला वी-राइज फाइनेंस कंपनी चला रही थी. यहां जरूरतमंदों को आसान किश्तों में लोन दिलाने का दावा किया जाता था. लोग खुश होकर अपना आधार और पैन कार्ड सौंप देते, लेकिन बदले में उन्हें ठगी का शिकार बना लिया जाता.
बीमार और मजबूर लोगों को बनाया शिकार
महिला ने खासकर बीमार और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया. सिरगिट्टी के अनिल, जिनका इलाज पैसों की कमी के चलते अटका हुआ था, भी इस जाल में फंस गए. उन्हें 50 हजार से 1 लाख रुपए तक का लोन दिलाने का झांसा दिया गया. लेकिन लोन की रकम देने के बजाय उनके नाम पर मोबाइल खरीद लिया गया. अब फाइनेंस कंपनी उनके घर आकर किश्त मांग रही है.
लोन नहीं, 5 लाख का झांसा और 22,500 की ठगी
मुंगेली की ललिता यादव को बिजनेस के लिए कर्ज चाहिए था. वी-राइज कंपनी ने उन्हें 5 लाख रुपए लोन दिलाने का वादा किया. इसके लिए आधार कार्ड लेकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 22,500 रुपए भी ऐंठ लिए. लेकिन न लोन मिला, न पैसे लौटे!
इलाज के लिए चाहिए था कर्ज, मिला एसी
देवरीखुर्द की कलेश्वरी मरकाम का घुटने का ऑपरेशन हुआ था, और सिकलसेल की वजह से उन्हें लगातार इलाज की जरूरत थी. उन्हें जब लोन का पता चला तो खुशी-खुशी दस्तावेज दे दिए. लेकिन लोन के बजाय उनके नाम पर एसी खरीद लिया गया! पैसे का तो नामोनिशान भी नहीं था.
मोबाइल के पैसे भी नहीं मिले, किश्त भरने का बोझ अलग
शीतला नायक को जब लोन का पता चला, तो वह भी झांसे में आ गईं. दस्तावेज देने के बाद उन्हें भरोसा दिया गया कि लोन के साथ मोबाइल की पूरी रकम भी मिलेगी. लेकिन जब किश्त भरने की बारी आई, तब समझ आया कि असल में उनके साथ धोखा हुआ है.
पुलिस ने दर्ज किया मामला, आगे क्या?
जब कई पीड़ितों को ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस का दरवाजा खटखटाया. पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है. अब देखना यह है कि इस हाई-टेक ठगी में और कितने नाम सामने आते हैं और लोगों को उनका हक कब तक मिलेगा!