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Chhattisgarh Bijapur Encounter Update: बीजापुर में माओवाद कमजोर हो रहा है. केंद्र और राज्य सरकार ने बीजापुर के बीहड़ इलाके में नक्सल संगठन को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है. अब एक बार फिर सुरक्षा बलों ने माओवादी व…और पढ़ें
बीजापुर मुठभेड़ में एक जवान शहीद.
हाइलाइट्स
- बीजापुर में माओवाद कमजोर हो रहा है.
- मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए, 1 जवान शहीद.
- भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद.
बीजापुर: छत्तीसगढ़ में अब माओवाद के पांव उखड़ने लगे हैं. केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से बीते 4 दशक से मुख्य रूप से माओवाद का दंश झेल रहे बीहड़ इलाके में सुरक्षा बलों की तेजी से बढ़ती दखल ने नक्सल संगठन को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है. हालांकि, फिर भी माओवादी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. एक बार फिर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गुरुवार को बीजापुर और कांकेर में मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में डीआरजी का एक जवान शहीद हो गया, जिसे आज श्रद्धांजलि दी जाएगी, जबकि 30 नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए.
1 जवान हुआ शहीद
जिला बीजापुर और दंतेवाड़ा के सरहदी में थाना गंगालूर क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान के तहत गुरुवार को संयुक्त टीम निकली थी. अभियान के दौरान सुबह 8 बजे माओवादियों ने हमला कर दिया था. फिर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. इस दौरान बीजापुर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) का एक जवान राजू ओयाम शहीद हो गए. बताया जा रहा है कि शहीद जवान भैरमगढ़ के बोड़गा का रहने वाला है.
रातभर जंगल में डरे रहे सुरक्षाबल
एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला ने कहा कि कल पूरे दिन अंडरी के जंगल में फायरिंग जारी रही और सुरक्षा बलों ने कुल 30 नक्सलियों को मार गिराया. इसमें से बीजापुर में अबतक कुल 26 नक्सलियों के शव बरामद हुए है. वहीं, कांकेर मुठभेड़ में 4 नक्सलियों के शव मिल गए हैं. इतना ही नहीं बल्कि सुरक्षा बल के जवानों ने जंगल में रात बिताई. बड़े नक्सलियों की मौजूदगी के कारण जवान जंगल में डटे हुए थे. मारे गए नक्सलियों के शव आज जंगल से बाहर पुलिस लाइन लाए गए.
नक्सलियों की पहचान की जा रही
उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में मारे गया नक्सलियों की पहचान की जा रही है . मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में एके 47, एसएलआर, आईएनएसएएस राइफल, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, बीजीएल लांचर हथियार समेत विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ है. सूत्रों की मानें तो जवान नक्सलियों पर तब भारी पड़ गए जब 70 से अधिक लाल लड़ाकों को खदेड़ कर रख दिया. पतझड़ की वजह से विजिबिलिटी साफ हो गई थी. इससे जवानों को फायदा मिला. जहां हुई मुठभेड़ वहां शीर्ष नक्सली पापा राव और लिंगू मौजूद थे.
जनवरी से अब तक बीजापुर में पुलिस को मिली सफलता
- 9 फरवरी नेशनल पार्क में 31 ढेर
- 2 फरवरी गंगालूर के तोड़का में 8 ढेर
- 16 जनवरी पुजारी कांकेर में 18 ढेर
- 12 जनवरी मद्देड इलाके में 2 महिला समेत 5 ढेर
- 9 जनवरी सुकमा बीजापुर सरहद पर 3 ढेर
- 8 जनवरी अंबेली नाला के समीप विस्फोट 8 जवान शहीद