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आजकल जहां युवा पीढ़ी खेती-किसानी से दूर भागती है, वहीं कोरबा के गौरव यादव एक मिसाल बनकर उभरे हैं. सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल की नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग में सफलता हासिल करने की उनकी कहानी प्रेरणादायक है.
गाय को चारा खिलाते हुए गौरव
हाइलाइट्स
- गौरव यादव ने सॉफ्टवेयर नौकरी छोड़ डेयरी फार्मिंग शुरू की.
- गौरव अब हर महीने 1.8 लाख रुपये कमा रहे हैं.
- डेयरी फार्मिंग में संयम और मेहनत जरूरी.
कोरबा: रायपुर से एमसीए करने के बाद गौरव हैदराबाद में 45,000 रुपये महीने की नौकरी कर रहे थे. लेकिन, सीमित आय से असंतुष्ट होकर उन्होंने कुछ नया करने का सोचा और अपने शहर कोरबा लौट आए. उनके घर में पहले से ही 4 गाय थी, जिनसे उन्होंने डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की. आज गौरव के पास देसी और विदेशी नस्ल की कुल 42 गाय हैं. इन गायों के दूध से वे हर महीने लगभग 1 लाख 80 हजार रुपये कमा रहे हैं. यह उनकी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है.
इस सफलता के बारे में बात करते हुए गौरव कहते हैं कि उन्हें नौकरी में सीमित आय महसूस हो रही थी. इसलिए उन्होंने डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
सही दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत जरूरत
गौरव डेयरी फार्मिंग में आने वाले युवाओं को संयम रखने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि इस बिजनेस को शुरू करने वाले युवाओं को कम से कम 2 साल तक मुनाफे की चिंता नहीं करनी चाहिए. पहले गायों की सेवा करें और उन्हें समझें. 2 साल बाद बिजनेस स्थिर हो जाएगा और आपको खर्च और बचत का अंदाजा होने लगेगा. गौरव यादव की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो कुछ अलग करना चाहते हैं. उन्होंने साबित किया है कि अगर लगन और मेहनत से काम किया जाए तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है. उनकी सफलता से यह भी पता चलता है कि खेती-किसानी और डेयरी फार्मिंग आज भी एक आकर्षक और लाभदायक व्यवसाय हो सकता है. बस जरूरत है सही दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत की.
Korba,Korba,Chhattisgarh
March 18, 2025, 14:49 IST