मथुरा-वृंदावन की तरह उज्जैन में भी होली का अलग ही आनंद मिलेगा। रापट रोलिया में देशी टमाटर, मुल्तानी मिट्टी और फूलों के रंगों का उपयोग होगा। आयोजन में सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट गोपाल मंदिर परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। रंगपंचमी के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार मालवी रापट रोलिया का आयोजन द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के आंगन में सुबह 9 बजे शुरू होगा, जिसमें शहरवासी मथुरा-वृंदावन की तरह होली खेली जाएगी। स्वर्णिम भारत मंच के द्वारा नगर गैर का भी स्वागत किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: रंगपंचमी के लिए बंद रहेंगे ये रास्ते, इंदौर पुलिस ने जारी की जरूरी जानकारियां
कार्यक्रम संयोजक जयंत सिंह गौर ने बताया कि स्वर्णिम भारत मंच के तत्वावधान में गोपाल मंदिर पर रंगपंचमी उत्सव के तहत मालवी रापट रोलिया का आयोजन 19 मार्च बुधवार को सुबह 9 बजे से किया जाएगा। जिसमें शहरवासी देशी तरीके से होली खेलेंगे। यूं तो शहर में रंगपंचमी के कई आयोजन होते हैं, लेकिन गोपाल मंदिर पर होने वाला रापट रोलिया विशेष और अनूठा होता है।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि 40 साल पहले गोपाल मंदिर पर भव्य होली का आयोजन होता था, लेकिन धीरे-धीरे लोग पुराने शहर को छोड़कर नए इलाकों में बसने लगे और वहां आयोजन शुरू कर दिए। जिससे भगवान श्रीकृष्ण का आंगन सुनसान हो गया। स्वर्णिम भारत मंच के प्रयासों से एक दशक पूर्व रंगपंचमी को मालवी रापट रोलिया फिर से शुरू किया गया। बरसों की मेहनत अब साकार हो रही है। अब गोपाल मंदिर पर नगर गैर का समापन होने से उत्साह बढ़ रहा है।
ये भी पढ़ें: कैग रिपोर्ट में खुलासा: प्राकृतिक आपदा सहायता और संबल योजना में 32 करोड़ की राशि अपात्रों के खातों में भेजी
रंगपंचमी के लिए देवासगेट पर हुआ कड़ाव पूजन
देवासगेट पर पशु चिकित्सालय के सामने विशाल कड़ाव का पूजन समाजसेवी अरुण वर्मा और उनकी मित्र मंडली द्वारा किया गया। रंगपंचमी पर इस शाही कड़ाव नहान में शहरवासी डुबकी लगाएंगे। यहां वाटर पार्क के साथ डांस बार में लोग झूमेंगे, साथ ही भोजन की विशेष व्यवस्था भी रहेगी। इस अवसर पर महामंडलेश्वर शैलेषानंद महाराज, शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी, विवेक यादव, चेतन यादव, सुनील कछवाय आदि ने कड़ाव पूजन किया। अरुण वर्मा ने बताया कि देवासगेट पर होली खेलने का अनूठा अंदाज देखने को मिलेगा। देवासगेट की सदियों पुरानी कड़ाव होली, मालवा की प्रसिद्ध होली में से एक है। विशाल कड़ाव को एक सप्ताह से सजाया जा रहा है। रंगपंचमी की पूर्व संध्या पर मंगलवार (आज) इसे भरा जाएगा और आसपास फव्वारे लगाए जाएंगे। पंचमी की सुबह से शाम तक यहां अनूठी होली खेली जाएगी। शहरवासियों को आमंत्रित करने का काम पिछले दो सप्ताह से जारी है। सभी अतिथियों को एक-एक कर कड़ाव में डुबोया जाएगा और फिर बाहर निकाला जाएगा। रंगीन पानी से भरे कड़ाव में डुबोने की परंपरा लगभग 40 वर्षों से चली आ रही है। विशेष बात यह है कि आज तक कोई विवाद नहीं हुआ। आसपास लगे फव्वारों में भी युवा होली के गानों के बीच नाचते रहते हैं। इस दौरान पकोड़े और मिठाई का नाश्ता दिनभर चलेगा।
ये भी पढ़ें: कबाड़ से बना डेढ़ टन का हाथी, सौ फीट तक फेंकेगा रंग गुलाल
11,000 रंग-बिरंगे खुशबूदार गुब्बारों से होगा नगर गैर का स्वागत
संस्था गुड हैबिट (अच्छी आदतें) द्वारा रंगपंचमी पर निकाली जाने वाली नगर गैर का स्वागत गुदरी चौराहे पर 11,000 रंग-बिरंगे पानी से भरे गुब्बारों से किया जाएगा। इसके साथ ही 5000 लीटर खुशबूदार ठंडे पानी का भी इंतजाम किया गया है, जिसे फव्वारों के माध्यम से रंग प्रेमियों पर बारिश की तरह बरसाया जाएगा। संस्था संयोजक दीपक कसेरा ने बताया कि यह नगर गैर लगातार दो वर्षों से सफलतापूर्वक निकाली जा रही है और अब तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रही है। संस्था ने नगर पालिका निगम उज्जैन एवं महापौर मुकेश टटवाल का आभार माना, जिनके प्रयासों से यह नगर गैर जारी रह सकी। इस अवसर पर नगर गैर का शानदार स्वागत किया जाएगा।

