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Chhattisgarh Wakf Board: सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को मस्जिदों में होने वाली जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया है. अब होली के दिन नमाज का समय दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच रखा ग…और पढ़ें
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हाइलाइट्स
- वक्फ बोर्ड ने होली पर जुमे की नमाज का समय बदला.
- नमाज का समय 12:30 बजे से 2 बजे किया गया.
- लोगों ने वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत किया.
रायपुर. होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के कारण छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को मस्जिदों में होने वाली जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया है. अब होली के दिन नमाज का समय दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच रखा गया है, जबकि आमतौर पर यह 12:30 बजे से 1 बजे तक होती थी. इस निर्णय को लेकर वक्फ बोर्ड ने सभी मस्जिदों को पत्र जारी किया है.
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने लिया फैसला
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया कि इस वर्ष रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और उसी दौरान होली का त्योहार भी आ रहा है. संयोग से यह दिन शुक्रवार भी है, जब मुस्लिम समुदाय के लिए जुमे की नमाज विशेष महत्व रखती है. ऐसे में देश में आपसी भाईचारा बनाए रखने और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए नमाज के समय में परिवर्तन किया गया है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय सौहार्द्र और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है ताकि दोनों समुदाय अपने-अपने धार्मिक आयोजनों को बिना किसी रुकावट के मना सकें.
वक्फ बोर्ड के फैसले का लोगों ने किया स्वागत
वक्फ बोर्ड के इस निर्णय का सभी समर्थन कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि छत्तीसगढ़ हमेशा से सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक रहा है, जहां सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से यह संदेश जाता है कि सभी समुदाय मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मना सकते हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सलीम रिजवी ने हिंदू और मुस्लिम समुदाय से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की.
त्योहार को सभी मिलकर मनाएं
सलीम रिजवी ने कहा कि यदि होली के दौरान मस्जिद जाने वाले नमाजियों पर रंग पड़ जाता है, तो इसे अन्यथा न लें. उन्होंने हिंदू समुदाय से अनुरोध किया कि मुस्लिम भाई जब मस्जिद से वापस आ जाएं, तब वे उन्हें रंग लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि होली आपसी प्रेम और सद्भाव का त्योहार है और इसे मिल-जुलकर मनाना चाहिए. इस फैसले को लेकर समाज में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. इससे यह संदेश जाता है कि सभी धर्मों को एक-दूसरे की आस्थाओं का सम्मान करना चाहिए और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखना चाहिए.
Raipur,Chhattisgarh
March 13, 2025, 22:00 IST