मध्य प्रदेश की खंडवा जिला जेल में अपनी ही नाबालिग बेटी से रेप के दोषी एक बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। करीब चार साल से जेल में बंद इस कैदी को बीते शुक्रवार को अदालत ने दोहरे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मंगलवार देर शाम उसने जेल के बैरक नंबर 2 के पीछे जाकर, अपनी लोअर के नाड़े का फंदा बनाकर फांसी लगा ली।
जेल के भीतर कैदी की आत्महत्या की जांच के लिए मजिस्ट्रेट समेत कोतवाली पुलिस की टीम जेल परिसर पहुंची। मजिस्ट्रियल जांच के बाद पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। आज बुधवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। कैदी की मौत की जानकारी मिलने ही उसके परिजन भी देर शाम अस्पताल पहुंचे। दरअसल, जेल में बंद कैदी को अपनी सात साल की बेटी से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए जाने पर चार दिन पहले दोहरे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान ही नाबालिग पीड़िता की भी मौत हो गई थी।
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जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
खंडवा की शहीद जननायक टंट्या भील जिला जेल की अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया कि मृतक बंदी साल 2021 से जेल में बंद था। 7 मार्च को कोर्ट ने उसे अपनी ही नाबालिग बेटी से रेप के मामले में सजा सुनाई थी। मंगलवार शाम उसने करीब 4:30 बजे जेल की बैरक के पीछे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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सजा के बाद नहीं दिखा था कोई बदलाव
जेल अधीक्षक ने बताया कि सजा सुनाए जाने के बाद भी बंदी के व्यवहार में कोई विशेष परिवर्तन नजर नहीं आया था। लेकिन, मंगलवार को अचानक उसने आत्महत्या कर ली। बंदी ने जेल की बैरक के पीछे अपनी लोअर के नाड़े से फांसी लगाई। इस घटना को लेकर जेल प्रशासन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के माध्यम से जुडिशल इंक्वायरी भी करवाई है। ऐसे सजायाफ्ता कैदियों पर जेल प्रशासन विशेष नजर रखता है, लेकिन इस बंदी ने कोई असामान्य व्यवहार नहीं किया था। फिर भी उसने आत्महत्या कर ली, जिससे जेल प्रशासन भी स्तब्ध है।
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