Wednesday, March 12, 2025
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Chhattisgarh Panchayat Elections 2025: खोखले वादों से नाराज ग्रामीण, विकास पर देंगे वोट, जनता ने रखी अपनी मांगें

Agency:News18 Chhattisgarh

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Chhattisgarh Panchayat Elections 2025: बिलासपुर के ग्राम रिसदा में पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण विकास, पानी, बिजली, सड़क और रोजगार की समस्याओं पर जोर दे रहे हैं. वे इस बार केवल उसी प्रत्याशी को चुनेंगे जो वास्त…और पढ़ें

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बिलासपुर में विकास की राह देखता रिस्दा गांव, ग्रामीणों ने रखी अपनी मांगें

हाइलाइट्स

  • ग्रामीणों ने विकास, पानी, बिजली, सड़क और रोजगार की मांग की.
  • ग्रामीणों ने कहा, केवल विकास करने वाले प्रत्याशी को वोट देंगे.
  • गांव में जल स्रोत, बिजली, सड़क और नाली की समस्याएं बनी हुई हैं.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. बिलासपुर जिले में 17 फरवरी को मतदान होना है, और इससे पहले गांवों में चुनावी चर्चाएं जोरों पर हैं. विकास, सुविधाएं, रोजगार और बुनियादी जरूरतों को लेकर ग्रामीण खुलकर अपनी राय रख रहे हैं. लोकल 18 ने मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम रिसदा का दौरा कर ग्रामीणों से बातचीत की, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं और चुनावी मुद्दों को बेबाकी से सामने रखा. ग्रामीणों का कहना है कि इस बार वे केवल उसी प्रत्याशी को चुनेंगे, जो उनके गांव के विकास पर ध्यान देगा और वास्तविक समस्याओं का समाधान करेगा.

गांव की निवासी क्रांति बाई ने बताया कि गांव में जल स्रोतों की स्थिति बेहद खराब है. तालाबों का पानी इतना गंदा है कि उसमें हाथ डालना भी मुश्किल है, पीने की तो बात ही छोड़िए. दूसरी ओर, घरों के नलों में पानी नहीं आता, जिससे ग्रामीणों को दूसरों के घरों से पानी लाना पड़ता है. जल जीवन मिशन केवल नाम का रह गया है, जबकि असल में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है.

बिजली, सड़क, और नाली की समस्या बरकरार
गांव की अन्य महिलाओं ने बताया कि बिजली, सड़क और नाली की समस्याएं भी लंबे समय से बनी हुई है. नालियों की सही व्यवस्था न होने से सड़कों पर पानी बहता रहता है, जिससे गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. कई इलाकों में सड़कें टूटी-फूटी हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

रोजगार के अभाव में मजदूरी के लिए बाहर जाने को मजबूर
ग्रामीण महिलाओं ने यह भी बताया कि गांव में मनरेगा योजना सही से लागू नहीं हो रही, जिससे उन्हें मजदूरी के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है. उन्होंने मांग की कि गांव में ही रोजगार की उचित व्यवस्था की जाए ताकि महिलाओं को अपने परिवार से दूर न जाना पड़े. ग्रामीणों का कहना है कि जो भी प्रत्याशी इस समस्या का हल करेगा, वे उसी को वोट देंगे.

खोखले वादों से नाराज ग्रामीण, विकास पर देंगे वोट
ग्रामीण छोटेलाल यादव ने कहा कि हर चुनाव से पहले नेताओं द्वारा कई तरह के वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी उन्हें पूरा नहीं करता. अब जब सरपंच चुनाव नजदीक है, तो प्रत्याशी फिर से घर-घर जाकर वादे कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण अब केवल विकास के मुद्दों पर ही वोट देने का मन बना चुके हैं.

मरघट और सिंचाई व्यवस्था का अभाव
छोटेलाल यादव ने आगे बताया कि गांव में श्मशान घाट तक नहीं है, जिससे अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है. इसके अलावा, सिंचाई के लिए नहर की सुविधा भी नहीं है, जिससे खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता और किसान परेशान रहते हैं.

पढ़े-लिखे और समझदार प्रत्याशी को देंगे वोट
गांव के लोगों ने स्पष्ट किया कि वे इस बार सिर्फ उसी उम्मीदवार को जिताएंगे जो गांव के विकास के लिए काम करेगा. ग्रामीणों का मानना है कि पढ़ा-लिखा और समझदार सरपंच ही उनके गांव की समस्याओं को दूर कर सकता है. ग्राम रिसदा के लोग अब खोखले वादों पर विश्वास करने के मूड में नहीं हैं. बिजली, पानी, सड़क, रोजगार और श्मशान जैसी बुनियादी जरूरतों को लेकर वे इस बार सतर्कता से मतदान करने की तैयारी में हैं. ग्रामीणों का संदेश साफ है, जो विकास करेगा, वही वोट पाएगा!

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खोखले वादों से नाराज ग्रामीण, विकास पर देंगे वोट, जनता ने रखी अपनी मांगें

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