Wednesday, February 5, 2025
Homeमध्यप्रदेशIndore: इंदौर में कान्ह नदी पर पांच सौ करोड़ से ज्यादा खर्च,...

Indore: इंदौर में कान्ह नदी पर पांच सौ करोड़ से ज्यादा खर्च, फिर भी नदी दूषित, उज्जैन में करना पड़ रही डायवर्ट


इंदौर मेें यह ट्रीटमेंट प्लांट 200 करोड़ रुपये में बना था।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


इंदौर से बहकर शिप्रा नदी में मिलने वाली कान्ह नदी पर बीते दस वर्षों में इंदौर में पांच सौ करोड़ रुपये खर्च हो चुके है, लेकिन कान्ह नदी साफ नहीं हो पाई। उज्जैन में त्रिवेणी संगम तक जाते जाते कान्ह नदी शिप्रा को फिर दूषित कर देती है। इसके चलते उज्जैन में कान्ह नदी को बाइपास करने की योजना बनाना पड़ी। उस पर भी सरकार करोड़ों रुपये खर्च हो रही है। आखिर इतना पैसा खर्च करने के बावजूद नदी साफ क्यों नहीं हो पा रही है। इस पर अब सवाल उठने लगे है।

Trending Videos

 

इंदौर के समीप रालमंडल में कान्ह नदी का उद्गगम स्थल है। यह नदी इंदौर शहर के बीचों बीच से बहती है। किनारों पर बसाहट होने के कारण नदी शहर का सीवरेज ढोने का काम करती है, लेकिन दस साल पहले 300 करोड़ के सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत शहर में और नदी के किनारे पर पाइप बिछाए गए। यह लाइन सीधे कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट तक गंदे पानी को ले जाती है।

वहां पानी को शुद्ध किया जाता है और फिर नदी में पानी छोड़ा जाता है। इंदौर में सीवरेज प्रोजेक्ट पर 300 करोड़ और ट्रीटमेंट प्लांट बनाने पर 200 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है। केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपये नदी शुद्धिकरण के लिए और मंजूर किए है।

 

इसलिए नदी नहीं हो रही साफ

-इंदौर में पहले ट्रीटमेंट प्लांट शक्करखेड़ी में बनना था, लेकिन वहां नगर निगम को जगह नहीं मिली,जबकि पूर्वी क्षेत्र के सीवरेज पाइप वहां तक बिछाए जा चुके थे। पैसा लैप्स होने के कारण अफसरों ने कबीटखेड़ी में ही प्लांट बनाने का फैसला लिया। अब शहर का विस्तार कबीटखेड़ी से अाठ किलोमीटर आगे तक हो गया है। उसका गंदा पानी सीधे कान्ह नदी में मिल रहा है। कबीटखेड़ी के आगे ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनाए गए है।

 

सांवेर और अन्य गांवों का गंदा पानी भी कान्ह नदी में

इंदौर से उज्जैन के बीच कान्ह नदी किनारे धरमपुरी, सांवेर सहित 30 से अधिक गांव आते है। इन गांवों में भी ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगे है। गांव का दूषित जल सीधे नदी में मिलता है। इस कारण उज्जैन तक पहुंचे-पहुंचे कान्ह नदी नाले में तब्दील हो जाती है।

 

नदी को बाइपास करने में 900 करोड़ खर्च

उज्जैन में नदी को बाइपास करने में प्रदेश सरकार 900 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। जमीन के नीचे 12 किलोमीटर की सुरंग बनाई जा रही है। इसके अलावा 20 किलोमीटर क्लोज डक्ट बनाई जा रही है। इससे होकर कान्ह नदी का पानी उज्जैन के बाद गंभीर नदी में मिलेगा। उज्जैन में जमालपुरा में नदी को बाइपास किया जाएगा।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments