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Snake Bite: यह सुनकर काफी हैरानी हो सकती है कि सर्पदंश जैसे जानलेवा मामलों में भी लोग अस्पताल जाने की बजाय वैद्य के पास जाते हैं. वैद्य रामलाल कुंजाम के इलाज का तरीका बहुत ही अनोखा है. वह सीधे मुंह से ही जहर बा…और पढ़ें
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हाइलाइट्स
- वैद्यराज रामलाल कुंजाम मुंह से निकालते हैं सांप का जहर
- जड़ी-बूटियों से बनी दवा और विशेष पट्टी का करते हैं उपयोग
- छत्तीसगढ़ के अलावा देश-विदेश से भी इलाज के लिए आते हैं लोग
रायपुर. आधुनिक चिकित्सा के इस दौर में जहां लोग अस्पतालों और दवाओं पर निर्भर होते जा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के वैद्यराज रामलाल कुंजाम पारंपरिक जड़ी-बूटी चिकित्सा को जीवित रखे हुए हैं. उन्होंने अपने पिता और बड़े भाई से यह ज्ञान अर्जित किया और वर्षों के अनुभव से वे आज छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध वैद्यराजों में से एक बन चुके हैं. जंगलों में मिलने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों का उपयोग कर वे कई गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं, जिनमें सर्पदंश यानी सांप काटने का इलाज प्रमुख है.
अपने मुंह से निकालते हैं सांप का जहर
सांप काटने के मामलों में लोग तुरंत अस्पताल जाने की बजाय वैद्यराज रामलाल कुंजाम के पास पहुंचते है. उनके अनुसार, वे पहले स्वयं अपने मुंह से सांप के जहर को निकालते हैं, फिर रोगी को जड़ी-बूटी से बनी दवा खिलाते हैं और प्रभावित स्थान पर विशेष पट्टी बांधते हैं. उनका दावा है कि इस प्रक्रिया के बाद आधे घंटे के भीतर मरीज को राहत मिल जाती है. उनके इलाज से न केवल छत्तीसगढ़ के लोग बल्कि देश-विदेश के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं.वैद्यराज रामलाल कुंजाम छत्तीसगढ़ के गहरे जंगलों में जाकर औषधीय जड़ी-बूटियों को चुनते हैं. ये जड़ी-बूटियां सैकड़ों वर्षों से आदिवासी समाज में चिकित्सा के लिए इस्तेमाल होती आई है.
इलाज करवाने आते हैं दुबई से भी लोग
वे इन जड़ी-बूटियों से सांप और जहरीले कीड़ों के काटने, हड्डियों की बीमारियों, पेट की समस्याओं, त्वचा रोग, बुखार, कमजोरी और अन्य शारीरिक समस्याओं का इलाज करते हैं. उनके पास छिपकली, गेहुअन सांप, डंडा करैत, पहाड़ चिट्टी जैसे खतरनाक और जहरीले सांपों के जहर को निकालने की भी अनोखी तकनीक है. वैद्यराज रामलाल कुंजाम की ख्याति सिर्फ धमतरी जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि रायपुर, बिलासपुर, चंद्रपुर, दंतेवाड़ा जैसे छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों से लेकर अमृतसर, दिल्ली और यहां तक कि दुबई से भी लोग उनके पास इलाज करवाने आते हैं. उनके पास आने वाले कई मरीजों ने अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सही इलाज न मिलने की शिकायत की, लेकिन वैद्यराज के पारंपरिक उपचार से उन्हें जल्द राहत मिली.
प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ले समाज
आधुनिक चिकित्सा पद्धति के बढ़ते प्रभाव के बावजूद, वैद्यराज रामलाल कुंजाम पारंपरिक चिकित्सा को जीवित रखने में जुटे हैं. वे चाहते हैं कि जड़ी-बूटियों से उपचार की यह सदियों पुरानी विधि आगे की पीढ़ियों तक पहुंचे. उनका मानना है कि यदि इस ज्ञान को संरक्षित किया जाए, तो आने वाले समय में भी लोग बिना महंगी दवाओं और अस्पतालों पर निर्भर हुए प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं. वैद्यराज रामलाल कुंजाम का जीवन और कार्य यह साबित करता है कि प्रकृति में हर समस्या का समाधान मौजूद है. छत्तीसगढ़ के जंगलों में मिलने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियां और उनके पारंपरिक उपचार आज भी लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं.
Raipur,Raipur,Chhattisgarh
February 05, 2025, 18:49 IST