Tuesday, January 14, 2025
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निजीकरण का विरोध : बिजलीकर्मी पूरे सप्ताह काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, टेंडर जारी होने पर बढ़ा आक्रोश


Ghaziabad/Noida News : बिजली कंपनियों के निजीकरण से कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा है। शुक्रवार को पूरे देश में कर्मचारियों ने विरोध दिवस मनाने के बाद सोमवार को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर सोमवार को ही कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर नोटिस जारी होने पर कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया और पूरे सप्ताह कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (वीकेएसएसएस) के आह्वान पर नोएडा और गाजियाबाद से 2,000 से अधिक कर्मचारी भी सोमवार को काली पट्टी बांधकर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। बिजली कर्मचारियों में बिजली वितरण निगम के निजीकरण से आक्रोश है और निजी कंसल्टेंट की नियुक्ति के विरोध कर रहे हैं। वीकेएसएसएस  का कहना है ‌कि निजीकरण का फैसला वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।

सरकार ने हड़ताल पर पाबंदी लगाई
कर्मचारियों के इस रुख को देखते हुए राज्य सरकार ने अगले छह माह के लिए उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) और इसकी पांच पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के 40 प्रति कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है। हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने वाले एस्मा के प्रावधान के तहत जारी आदेश सभी सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों पर लागू होंगे। कर्मचारियों का कहना है कि प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है और ठीक इसी समय निजीकरण का टेंडर जारी किए जाने से लगता है कि इसके पीछे कोई बड़ी और सोची समझी साजिश है।

संघर्ष समिति ने उठाई कई गंभीर सवाल
प्रदर्शन के दौरान संघर्ष समिति ने कहा है कि ऊर्जा निगम ने नए सलाहकार की नियुक्ति का निर्णय लेकर क्या साबित करना चाहता है, इसकी क्या जरूरत है। समिति का आरोप है कि प्रबंधन सब कुछ फाइनल कर चुका है। अब औपचारिकता हो रही है। समिति ने यह सब करने से पहले विद्युत वितरण निगम का कायदे से मूल्यांकन न करने पर भी सवाल उठाए हैं।

विरोध दिवस पर प्रदेश भर में हुई थीं सभाएं
शुक्रवार को विरोध दिवस पर लखनऊ के साथ ही प्रयागराज, वाराणसी, बांदा, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, झांसी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली में बड़ी सभाएं हुई थीं। संघर्ष समिति ने 13 जनवरी को विरोध सभाएं करने और कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर करने का ऐलान किया था। बता दें कि फिलहाल पूर्वांचल और दक्षिणांचल दो डिस्कॉम – पीयूवीवीएनएल और डीवीवीएनएल का निजीकरण करने की बात कही जा रही है लेकिन संघर्ष समिति का साफ कहना है कि यह फैसला पूरे उत्तर प्रदेश के लिए है और समिति के साथ हुए समझौते का भी उल्लंघन है, इसके बाद शासन और प्रबंधन को पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों का निजीकरण करने में देर नहीं लगेगी।

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