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Bilaspur News: मनोज के परिवार ने बताया कि वह सुबह की शिफ्ट में काम पर गया था और नीचे काम कर रहा था. अचानक चिमनी गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बिलासपुर के श्रीराम केयर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत…और पढ़ें
कुसुम पावर प्लांट हादसा, परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप.
बिलासपुरः छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के रामबोर्ड गांव स्थित कुसुम पावर प्लांट में गुरुवार को हुए भीषण हादसे में कई परिवारों का जीवन तहस-नहस हो गया. प्लांट में साइलो गिरने से कई मजदूर मलबे में दब गए, जिसमें मनोज कुमार घृतलहरे की इलाज के दौरान मौत हो गई. मनोज के परिजनों ने प्लांट प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उचित मुआवजे और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.
मनोज के परिवार ने बताया कि वह सुबह की शिफ्ट में काम पर गया था और नीचे काम कर रहा था. अचानक चिमनी गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बिलासपुर के श्रीराम केयर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मनोज अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. उसकी मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.मनोज के परिजनों का कहना है कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि प्लांट में सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज किया गया, जिससे इस तरह की बड़ी दुर्घटना हुई.
परिजनों की मांग
मनोज के परिजनों ने हादसे के लिए प्लांट प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए. परिवार के किसी सदस्य को प्लांट में सुरक्षित नौकरी दी जाए, ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके. साथ ही प्लांट में कार्यरत सभी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं.
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों का आक्रोश
हादसे के बाद स्थानीय लोग और प्लांट कर्मचारी प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि मशीनों और संरचनाओं की नियमित जांच नहीं की जाती और सुरक्षा उपायों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया. दुर्घटना के बाद रेस्क्यू कार्य में देरी से आक्रोश और बढ़ गया.
सरकार और प्रशासन से मांग
क्षेत्रवासियों और पीड़ित परिवारों ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने सरकार और प्रशासन से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता और न्याय दिलाने की अपील की है.इस हादसे से पहले भी कुसुम पावर प्लांट पर प्रदूषण फैलाने के आरोप लगते रहे हैं. स्थानीय लोग लंबे समय से प्लांट के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. इस हादसे ने उनके आक्रोश को और बढ़ा दिया है. सरकार और प्रबंधन से अब उम्मीद है कि वे पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता प्रदान करेंगे और इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे.