Friday, December 27, 2024
Homeछत्तीसगढ़धान खरीदी केंद्रों में नहीं मिल रहा टोकन, किसान हो रहे परेशान

धान खरीदी केंद्रों में नहीं मिल रहा टोकन, किसान हो रहे परेशान

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिले में अब धान खरीदी केन्द्रों की व्यवस्था बिगड़ने लगी है. खरीदी केंद्रो में उठाव नहीं होने से लिमिट बढाने व बारदाने की कमी के कारण खरीदी प्रभारी अब आवक नहीं ले पा रहे हैं. अब तो टोकन काटना भी बंद कर दिया गया है. इनका कहना है कि, हमारे पास ना तो खाली बरदाना है और ना ही खाली जगह है. पुरा फड़ धान से भरा हुआ है. इस कारण हम धान का आवक नहीं ले सकते. वहीं, किसानों की परेशानियां बढ गई है, क्योंकि खरीदी केद्रों में टोकन नहीं काटने से मौसम के बिगड़ते मिजाज से किसान अपने धान को बेचने के लिए चिंतित हो रहे हैं.

जांजगीर चांपा जिले के डभरा सकरेली सहीत अन्य धान खरीदी केद्रों के किसान नेतराम पटेल ने बताया कि यहां समस्या धान आवक के है और टोकन नहीं कट रहा है. जिससे किसान काफी ज्यादा परेशान हैं क्योंकि मौसम भी बदल रहा है. कहीं बारिश हो गई तो किसानों का धान भीग जाएगा. यहां बारदाना भी बहुत कम है, इससे भी किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं.

किसानों ने लिमिट बढ़ाने का किया आग्रह
किसान सीताराम मैत्री ने कहा की जब टोकन कटवाने के लिए गया तो उनका टोकन नहीं काटा गया. किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि लिमिट बढ़ाए और किसानों की धान को खरीदे. घर में ज्यादा धान रखने की जगह नहीं है. इधर मौसम का मिजाज भी कुछ बिगड़ा हुआ है. जिससे किसानो की परेशानी बढी हुई है. धान को बेचने के लिए किसान चिंतित है. अगर ऐसे में बारिश हो जाती है तो हमारे आर्थिक स्थिति पर सकंट भी आ सकती है.

किसानों का टोकन नहीं कट रहा
डभरा खरीदी केन्द्र के कर्मचारी दीपक जाहिरे ने कहा की धान का उठाव नहीं होने से धान आवक होने में समस्या हो रही है. जिसके कारण किसानों का टोकन नहीं कट रहा है. यहां की लिमिट 2000 क्विंटल है, और उतना फुल हो चुका है. किसान टोकन कटवाने आ रहे है तो उन्हें वापस जाना पड़ रहा है. जब लिमिट बढ़ाई जाएगी तो धान लिया जाएगा. अभी धान उठाव नहीं हो रहा है. इसी वजह से यहां आने वाले किसान परेशान हो रहे हैं.

Tags: Agriculture, Chhattisagrh news, Local18

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments