विकास कुमार. बालोद. कहते हैं ‘अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है’ ऐसा ही हुआ वीणा साहू के साथ. बालोद जिले के जमरूवा गांव के रहने वाले किसान चेतन साहू की बेटी वीणा साहू ने मिलिट्री में जाने का जो सपना देखा था, वह पूरा हो गया है. उन्होंने जीवन के बड़े मुकाम को हासिल कर लिया. अब वो मिलिट्री अस्पताल अंबाला में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्य कर रही है. देश के जवानों और उनके परिवारवालो को स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही है. वीणा साहू तीन माह की ड्यूटी के बाद छुट्टियों में घर आई तो पूरे गांव ने उसका स्वागत किया.
वीणा साहू जैसे ही अपने घर पहुंची, परिवार सहित गांववालों ने फूल-मालाओं और मिठाई के साथ स्वागत किया. इस खुशी के पल में एक किसान पिता और मां के साथ उसकी बेटी की आंखें भी नम हो गईं. पिता ने कहा, ‘ये आंसू खुशी के हैं. खुशी इसीलिए की बेटी लेफ्टिनेंट बन गई है. परिवार सहित गांव का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.’
बालोद जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर छोटा सा गांव जमरूवा में रहने वाली वीणा साहू अब मिलिट्री अस्पताल में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्य कर रही हैं. इस मुकाम को हासिल करने के लिए वीणा ने काफी संघर्ष किया . वीणा 5 बहने हैं जिसमे वह दूसरे नंबर की है. वीणा कहती है कि लकड़ियों को अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए.
वीणा ने बताया, ‘मैं अभी मिलिट्री नर्सिंग ऑफिसर के पद पर अंबाला में पोस्टेड हूं. मेरा रैंक लेफ्टिनेंट है. मेरी ज्वाइनिंग 16 सितंबर को हुई थी. तीन माह की ट्रेनिंग के बाद मेरी नौकरी शूरू हुई है. मेरा मानना है कि सक्सेस की सबसे बड़ी चाबी आपकी मेहनत होती है. संघर्ष की बात करूं तो मेरा मन शुरू से ही पढ़ाई में था. मेरे पिता उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाए थे. उन्होंने मुझे प्रेरित किया.’
वीणा के पिता का मानना है कि सभी मां-बाप को अपने बेटियों को खूब पढ़ना चाहिए. उनकी अन्य बेटियां भी पुलिस, वन रक्षक अन्य भर्तियों की तैयारियां कर रही हैं. गांव में ही किसानी कार्य और एक छोटे से दुकान के भरोसे ही उनका जीवन चलता है.
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FIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 21:22 IST