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वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के 35 किमी संरक्षित क्षेत्र में एक भी ब्रेकर न होने से जंगली जानवरों के साथ हादसे होते रहते हैं। शनिवार की रात रमखिरिया के समीप किसी तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की टक्कर से नील गाय की मौत हो गई। प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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बता दें जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक से वीरांगना रानीदुर्गावती टाइगर रिजर्व के लिए दो मार्ग लगे हुए हैं। पहला तेंदूखेड़ा से झलोन होते हुए सागर और दूसरा तेंदूखेड़ा, तारादेही से महराजपुर, लेकिन यहां एक भी ब्रेकर नहीं है और मार्ग अच्छा होने के कारण लगातार इस मार्ग पर वाहन जंगली जानवर को टक्कर मार देते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। टाइगर रिजर्व के अधिकारी लगातार इस मार्ग पर ब्रेकर बनवाने संबंधित विभाग को पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन वह अनदेखा कर रहे हैं।
35 किलोमीटर का है मार्ग
तेंदूखेड़ा ब्लाक के तारादेही के आगे व्यारमा नदी के उस पार से वीरांगना रानीदुर्गाबती टाइगर रिजर्व का क्षेत्र लग जाता है। यह मार्ग 35 किमी तक रिजर्व क्षेत्र में आता है। यहां जंगली जानवर घूमते हैं। मार्ग अच्छा होने के कारण यहां वाहनों की रफ्तार 80 से 100 किमी प्रति घंटा तक रहती है। मार्ग संरक्षित होने के कारण टाइगर रिजर्व के अधिकारियो ने संकेतक भी लगाये हैं। जिसमें लिखा है इस मार्ग पर वाहन की गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिये, लेकिन इन नियमों का कोई पालन नहीं कर रहा है। जानकारी लेने पर पता चला की स्टाफ कम है इसलिए टाइगर रिजर्व के अधिकारी हमेशा मुख्य मार्गों पर पहरा नहीं दे पा रहे है। दूसरी तरफ लापरवाही पूर्वक चलने वाले वाहन जानवरों को नुकसानदायक साबित हो रहे हैं।
नीलगाय की हुई मौत
तारादेही से महराजपुर मार्ग तीन रेंजो की सीमा में बटा हुआ है। झमरा गांव तक सर्रा रेंज लगती है। उसके बाद नोरादेही रेंज की सीमा लग जाती है और दूसरी तरफ डोगरगांव रेंज लग जाती है। क्षेत्र में रहने बाले जंगली जानवर मुख्य मार्ग पर दिन और रात में घूमते रहते हैं। शनिवार को तारादेही महराजपुर मार्ग पर एक नीलगाय को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी और उसकी मौत हो गई। वन अमला ज़ब मुख्य मार्ग से गुजरा तो सड़क पर नीलगाय का शव पड़ा था। बाद में नियमों का पालन करते हुए नीलगाय का टाइगर रिजर्व के अधिकारियो ने अंतिम संस्कार किया।
इन जानवरों की है भरमार
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का बिस्तार करने और बाघों को बसाने के चलते महराजपुर मार्ग पर भी एक बाघ, बाघिन को छोड़ा गया है। इनके आलवा इस जंगल में बड़ी संख्या में नीलगाय, सियार, जंगली सूअर, चीतल, भालू, बंदर के अलावा अन्य प्रजाति के जानवर हैं जो दिन रात कभी भी मुख्य मार्गों पर आ जाते हैं। अभी तक कई जानवरों को तेज रफ्तार वाहन टक्कर मार चुके हैं, जिसमें कई घायल हुए तो कई जानवरों की मौत हो गई है।
विभाग कर रहा अनदेखी
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर अब्दुल अंसारी ने बताया मैंने कई बार पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखें हैं। तारादेही से महराजपुर के बीच का जो क्षेत्र वीरांगना टाइगर रिजर्व के अधीन है, वहां ब्रेकर बनवाने की बात कही है, लेकिन विभाग अनदेखा कर रहा है। शनिवार को महराजपुर मार्ग पर वाहन की टक्कर से नीलगाय की मौत भी हो गई है।