Tricity Today | जेवर एयरपोर्ट
Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फूड इंडस्ट्री का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। बढ़ते कॉरपोरेट दफ्तर, आलीशान फ्लैट्स, नए हाउसिंग हब और आने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की वजह से यहां के रेस्टोरेंट्स और कैफे की संख्या में काफी वृद्धि देखी जा रही है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा के नए हाउसिंग और वाणिज्यिक इलाकों में फैंसी रेस्टोरेंट और ब्रांडेड कैफे खोलने की होड़ मच गई है, क्योंकि इन इलाकों में बढ़ती आबादी और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई प्रमुख रेस्टोरेंट ब्रांड ने यहां विस्तार करना शुरू कर दिया है।
नोएडा में रेस्टोरेंट का विस्तार और नए अवसर
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पिछले कुछ सालों में कई बड़े बदलाव आए हैं। अप्रैल 2025 तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने की उम्मीद के साथ यहां की रियल एस्टेट और व्यावसायिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। बड़ी संख्या में कॉर्पोरेट कंपनियां नोएडा में अपने दफ्तर खोल रही हैं और बढ़ते हाउसिंग हब के साथ नई जनसंख्या बढ़ रही है। ये कारक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नए रेस्टोरेंट्स और कैफे की बढ़ती संख्या के प्रमुख कारण बन रहे हैं। नोएडा में देसी वाइब्स, जो 20 साल पहले सेक्टर 18 के सेंट्रल मार्केट में खोला गया था, अब सेक्टर 75 और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी अपनी शाखाएं खोल रहे हैं। पिछले साल, बॉलीवुड स्टार सनी लियोन ने सिंगिंग बाउल्स हॉस्पिटैलिटी के साहिल बावेजा के साथ मिलकर नोएडा के सेक्टर 129 में चिका लोका नामक रेस्टोरेंट खोला। वहीं, क्रिकेट स्टार विराट कोहली ने भी नोएडा के सेक्टर 94 में अपने रेस्टोरेंट वन8 कम्यून का उद्घाटन किया।
नए हाउसिंग हब और कॉमर्शियल स्पेस में बढ़ रहे रेस्टोरेंट
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के साथ बन रहे नए हाउसिंग हब में सैकड़ों लोग बस रहे हैं। जिससे यहां नए मॉल, कॉमर्शियल कैंपस और रेस्टोरेंट्स का विस्तार हो रहा है। एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित सेक्टर 92, 142, 137, 129, और 104 में नए मॉल और व्यावसायिक केंद्र खुल चुके हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 4 में भी नए मॉल की शुरुआत हो चुकी है, जहां रेस्टोरेंट ब्रांड्स अपने पैर पसार रहे हैं।
किराए में कमी और नई सुविधाओं का लाभ
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि नोएडा का फूड सिनेरियो बेहतर होने का मुख्य कारण हैं, 10 से 12 साल के बाद शुरू हुई आवासीय परियोजनाएं और कई कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा इस माइक्रो मार्केट में ऑफिस खोलने की प्रक्रिया। रेस्टोरेंट्स के लिए किराए अपेक्षाकृत कम हैं, और नए बने वाणिज्यिक और खुदरा भवनों में अधिक फ्लोर स्पेस उपलब्ध है। जिससे रेस्टोरेंट्स को पर्याप्त पार्किंग स्थान और सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। इन परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए कई रेस्टोरेंट्स तेजी से यहां विस्तार कर रहे हैं, क्योंकि वे आने वाले समय में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण बढ़ते किराए से पहले बाजार में अपनी पकड़ बनाना चाह रहे हैं।
डेवलपर्स की ‘बुके डील’ और रेस्टोरेंट्स के लिए प्रोत्साहन
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाल ही में नया चलन भी देखा जा रहा है, जिसमें डेवलपर्स रेस्टोरेंट ब्रांड्स को अपने नए परिसरों में ब्रांच खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। डेवलपर्स इस प्रक्रिया को पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में लागू करते हैं, या फिर कई संपत्तियों में रेस्टोरेंट खोलने के लिए ‘बुके डील’ के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। इस तरह के प्रोत्साहन रेस्टोरेंट ब्रांड्स को अधिक स्थानों पर अपनी शाखाएं खोलने के लिए आकर्षित करते हैं, जिससे उन्हें कारोबार को बढ़ाने का अवसर मिलता है।
नवीनतम रेस्टोरेंट ट्रेंड्स और ग्राहकों की बढ़ती मांग
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ती आबादी के साथ-साथ नए रेस्टोरेंट और फूड जॉइंट्स की मांग में भी तेजी आई है। इन स्थानों में मल्टीनेशनल ब्रांड्स के अलावा स्थानीय ब्रांड्स और इंडियन फ्यूजन रेस्टोरेंट्स का भी विस्तार हो रहा है। नए मॉल और रिटेल स्पेस में फूड कोर्ट्स, कैफे और थीम आधारित रेस्टोरेंट्स का ट्रेंड बढ़ रहा है, जो विभिन्न खाद्य विकल्पों के साथ ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।