Tricity Today | DMRC PLAN
Delhi News : दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को एक पत्र भेजा है, जिसमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIAL) और दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के बीच कनेक्टिविटी सुधारने के लिए एक अभिनव 5 किमी मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण की संभावना पर चर्चा की गई है।
दोनों एयरपोर्ट के साथ दिल्ली से बेहतर होगी कनेक्टिविटी
डीएमआरसी ने पत्र में बताया है कि तुगलकाबाद और कालिंदी कुंज के बीच 5 किमी के मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण से दोनों हवाई अड्डों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार हो सकता है। यह कॉरिडोर, जो गोल्ड लाइन (लाइन-10) के तहत आता है, पहले से ही तुगलकाबाद से एरोसिटी तक निर्माणाधीन है। इस प्रस्तावित विस्तार से, कालिंदी कुंज तक मेट्रो लाइन बढ़ाकर, मेट्रो इंटरचेंज की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे मेट्रो नेटवर्क में अन्य महत्वपूर्ण लाइनों जैसे मैजेंटा लाइन (लाइन-8), ब्लू लाइन (लाइन-3), एक्वा लाइन और प्रस्तावित नई मेट्रो लाइन, जो बॉटनिकल गार्डन और सेक्टर 142 नोएडा के बीच होगी, से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
प्रस्तावित कनेक्टिविटी से होंगे कई लाभ
डीएमआरसी ने यह भी बताया कि तुगलकाबाद और कालिंदी कुंज के बीच केवल 5 किलोमीटर की कनेक्टिविटी दोनों हवाई अड्डों के बीच “मिसिंग लिंक” को जोड़ने का कार्य करेगी। इससे YEIDA क्षेत्र में अधिक शहरी और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जो इस कनेक्टिविटी के जरिये बेहतर परिवहन सुविधा का लाभ उठाएंगे।
प्रस्तावित परियोजना का बजट और समय सीमा
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस 5 किमी के मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण का अनुमानित खर्च लगभग 950 करोड़ रुपये होगा। यदि यह परियोजना “डिपॉजिट वर्क” के रूप में अनुमोदित होती है और फंडिंग शीघ्र प्रदान की जाती है, तो डीएमआरसी इसे तुगलकाबाद एरोसिटी लाइन के साथ तीन साल के भीतर पूरा कर सकता है।
आवश्यक अनुमोदन और वित्तीय सहायता की अपील
डीएमआरसी ने YEIDA से आग्रह किया है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए आवश्यक अनुमोदन प्रदान किया जाए और फंडिंग का प्रबंध किया जाए, ताकि यह कनेक्टिविटी परियोजना समय पर शुरू की जा सके। इस परियोजना के जल्द अमल में आने से YEIDA क्षेत्र में शहरी और औद्योगिक विकास में तेजी आ सकती है, और यह क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा दे सकता है। दिल्ली मेट्रो का यह विस्तार, खासकर दोनों प्रमुख हवाई अड्डों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्री सेवाओं के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।