Thursday, December 26, 2024
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18 साल के डी गुकेश का कामाल! वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर रचा इतिहास, बिलासपुर के खिलाड़ियों में जश्न का माहौल

बिलासपुर. भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया. 18 साल की उम्र में उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5 से 6.5 के अंतर से हराकर यह खिताब अपने नाम किया. इस जीत का जश्न पूरे देश में मनाया जा रहा है. वहीं बिलासपुर के शतरंज प्रेमियों ने भी इस ऐतिहासिक पल को उत्साहपूर्वक मनाया. शतरंज प्रेमियों ने शहर में वरिष्ठ खिलाड़ियों का सम्मान किया और गुकेश की उपलब्धि को प्रेरणादायक बताया.

बिलासपुर के युवा खिलाड़ियों को किया प्रेरित

बिलासपुर चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत ने ना केवल देश का बल्कि बिलासपुर शहर का भी मान बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर गुकेश ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है. वहीं खिलाड़ियों ने बताया कि 25 नवंबर से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में फाइनल मुकाबला 11 दिसंबर तक रोजाना वे अपनी नजर बनाए हुए थे. जब मैच में उतार-चढ़ाव आया फिर भी धीरज रखकर भारत की जीत की उम्मीद लगाए रहा.. फिर 13 गेम तक दोनों खिलाड़ी 6.5-6.5 की बराबरी पर थे. निर्णायक 14वें गेम में गुकेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7.5-6.5 से खिताब अपने नाम किया. तब से हम सभी खिलाड़ियों ने एक दूसरे को फोन कर बधाई दी और मिठाई खिलाकर बैंड-बाजे के धुन पर डांस करते हुए जमकर जश्न मनाया.

दूसरे भारतीय वर्ल्ड चेस चैंपियन बने गुकेश

बिलासपुर के खिलाड़ी पवन सोनी ने बताया कि डी गुकेश भारत के केवल दूसरे वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने से हम खेल जगत में मजबूत होते जा रहे हैं. वहीं आगे कहा कि इससे पहले 2012 में विश्वनाथन आनंद ने यह खिताब जीता था. गुकेश ने 1985 में गैरी कैस्परोव के 22 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने का रिकॉर्ड तोड़कर 18 साल की उम्र में यह खिताब जीता है. इससे खुशी हमारी दोगुनी हो गई है.

चेस फेडरेशन में पहली बार एशिया का दबदबा

138 साल के वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप इतिहास में पहली बार एशिया के दो खिलाड़ियों ने फाइनल में जगह बनाई. क्लासिकल गेम की जीत से गुकेश को 11.45 करोड़ रुपए की इनामी राशि मिली, जबकि लिरेन को 9.75 करोड़ रुपए दिए गए.

विश्वनाथन आनंद का गुकेश को मिला मार्गदर्शन

डोम्माराजू गुकेश का जन्म 7 मई 2006 को चेन्नई में हुआ. उन्होंने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया. उनकी शुरुआती कोचिंग इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी भास्कर नागैया ने की और बाद में उन्हें विश्वनाथन आनंद का मार्गदर्शन मिला. उनके पिता डॉक्टर हैं और मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं.

देश का बढ़ता कद और नई प्रेरणा

शतरंज खिलाड़ी राजा ने कहा कि गुकेश की यह उपलब्धि भारत को चेस के वैश्विक मंच पर और मजबूत करती है. उनकी सफलता ने युवा खिलाड़ियों को एक नई दिशा दी है और यह साबित कर दिया है कि भारत चेस के क्षेत्र में किसी से कम नहीं.

Tags: Bilaspur news, Chhattisagrh news, Local18, Sports news, World Chess Championship

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