{“_id”:”675bcafdbfcddb16ad0c98f9″,”slug”:”bhopal-digvijay-received-a-reply-to-the-letter-written-to-the-prime-minister-on-the-organic-cotton-scam-in-mp-2024-12-13″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Bhopal: एमपी में जैविक कपास घोटाले पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का दिग्विजय को मिला जवाब, बोले-हो रही कार्रवाई”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
पूर्व सीएम दिग्विजय – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित करते हुए एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का आग्रह किया था। जिसका जवाब उन्हें केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दिया है। उन्होंने जवाबी पत्र में कहा कि जैविक कपास प्रमाणीकरण में गंभीर उल्लंघन पर कार्रवाई जारी है।
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ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह
दिग्विजय सिंह नेप्रधानमंत्री को लिखा था कि मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं और इन समूहों में ऐसे गांवों के किसानों के नाम भी शामिल किए गए हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन का और न ही साधारण बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं। साथ ही पूर्व सीएम ने लिखा था कि कंट्रोल यूनियन नामक सर्टिफिकेशन बॉडी द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन के एपिडा और व्यापारियों की मिलीभगत से ऑर्गेनिक उत्पादन के सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। उन्होंने आग्रह किया था कि प्रधानमंत्री जी इस मामले की जांच कराएं और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करें।
देश भर में फैंली हैं इसकी जड़ें
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्पष्ट तौर से आग्रह किया था कि यह घोटाला भले ही मध्य प्रदेश से उजागर हुआ हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरे देश में फैली हुई हैं। प्रधानमंत्री जी देश भर में ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रमाणपत्र देने का काम कर रही सभी सर्टिफिकेशन बॉडीज द्वारा जारी सर्टिफिकेट की निष्पक्ष जांच करवाएं।
मामले में की गई कार्रवाई
दिग्विजय सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए उक्त पत्र के जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जवाबी पत्र में कहा है कि जैविक कपास प्रमाणीकरण में अनियमितता के मामले में कार्रवाई की गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस सम्बन्ध में जुलाई और अगस्त 2024 में जांच की गई और राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) विनियमन के प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन पाया गया।
निकाय को एक वर्ष के लिए किया निलंबित
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा है कि एक प्रमाणन निकाय को एक वर्ष की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है और कुछ अन्य प्रमाणन निकायों पर कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा है कि संबंधित उत्पादक समूह को एनपीओपी के तहत पंजीकरण से रद्द कर दिया गया है। पियूष गोयल ने कहा है कि इस मामले को इंदौर के पुलिस आयुक्त और धार, मध्य प्रदेश के पुलिस अधीक्षक के समक्ष भी उठाया गया है और मामले का संज्ञान लेने और कानून के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस मामले पर उचित कार्रवाई जारी रखेगा।