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रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की एक महिला अधिकारी ने कुलगुरु के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें अशोभनीय टिप्पणी, अभद्र इशारे, उत्पीड़न और परेशान करने वाले स्टाफ सदस्यों को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने राजयपाल, राज्य महिला आयोग, उच्च शिक्षा विभाग को की गई। इस मामले में अमर उजाला से यूनिवर्सिटी के कुलगुरु राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि उनको शिकायत के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह मुझे अपना अभिभावक मानती है।
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शिकायत में महिला अधिकारी ने कहा कि 21 नवंबर 2024 को कुलगुरु ने अपने कार्यालय में चर्चा के दौरान उनके उनके अधीनस्तों को निर्देश देते हुए उनके प्रति अशोभनीय टिप्पणी और अभद्र इशारे किए। उन्होंने लिखा कि इसकी पुष्टि कमरे में लगे सीसीटीवी से की जा सकती है। उन्होंने लिखा कि एक महिला अधिकारी के प्रति कुलगुरु का ऐसा व्यवहार घोर आपत्तिजनक व अशोभनीय है। कुलगुरु के आपत्तिजनक, अशोभनीय व अभद्र इशारे करने पर वह मानसिक रूप से आहत हैं। इसके बाद उन्होंने लिखा कि उसी दिन शाम को 6 बजे कुलगुरु ने उनके खिलाफ डीईसी की परीक्षा की तिथि को बढ़ाने को लेकर सार्वजनिक रूप से निराधार आरोप लगाया।
शिकायत में महिला अधिकारी ने 13 अक्टूबर की एक अन्य घटना का भी जिक्र किया है, जिसमें अतिथि शिक्षकों के मानदेय संबंध में अनुसचित और आधारहीन टिप्पणी की गई। उन्होंने लिखा कि यूनिवर्सिटी के एक ऑफिशियल वाट्सअप ग्रुप में उनको उनके खिलाफ अतिथि शिक्षकों और विभागाध्यक्षों ने उनके खिलाफ अनुचित टिप्पणी की, जबकि उनको सही जानकारी नहीं थी। वाट्सपग्रुप ग्रुप के एडमिन और संस्था प्रमुख होने के बावजूद कुलगुरु ने अशोभनीय टिप्पणियों के विरोध में कोई प्रतिक्रिया या अतिथि शिक्षकों का कोई समझाईश नहीं दी। बल्कि उन अतिथि शिक्षकों से मैसेज डिलिट कराए गए। इस संबंध में शिकायत करने पर अतिथि शिक्षकों को संरक्षण देते हुए कार्रवाई का मौखिक आश्वासन देते हुए शिकायत लेने से मना कर दिया। इसके बाद फिर अतिथि शिक्षकों ने उनके खिलाफ 20 अक्टूबर और 21 अक्टूबर को धमकी भरे मैसेज किए गए। महिला अधिकारी ने अपनी शिकायत के साथ कुलगुरु को लिखा पत्र, वाट्सअप मैसेज के स्क्रिनशॉट की कॉपी लगाई है।
कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने अमर उजाला से बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनको शिकायत के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जहां तक उनको मैं छोटी बहन के रूप में समझता हूं। वह खुद मुझे अपना अभिभावक मानती है। डीईटी परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने को लेकर छात्र संगठन बातचीत करने आए थे। क्योंकि मुद्दा उनसे संबंधित था तो उनको बताने के लिए कहा था। जिस प्रकार के आरोप उन्होंने लगाए है ऐसा कुछ भी नहीं है।