बिलासपुर. शहर के 71 वर्षीय रिटायर्ड अफसर जय सिंह चंदेल से साइबर ठगों ने 54 लाख 30 हजार रुपये ठग लिए. आरोपियों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग और पोर्नोग्राफी केस में फंसाने की धमकी दी. वॉट्सऐप पर फर्जी एफआईआर भेजकर और कॉल पर धमकाकर रकम की मांग की गई. ठगों ने पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेज दिया. राजस्थान से गिरफ्तार हुए दो आरोपियों के अकाउंट से 23 लाख रुपये रिकवर किए गए हैं, जबकि गिरोह के अन्य सदस्य की तलाश जारी है.
20 दिन में 54 लाख की ठगी
पीड़ित जय सिंह चंदेल, जो सिविल लाइन क्षेत्र के निवासी हैं जिन्हें ठगों ने जुलाई में निशाना बनाया. आरोपियों ने वॉट्सऐप पर एक फर्जी एफआईआर भेजी और कहा कि उनके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग और पोर्नोग्राफी का केस दर्ज है. एक कॉल में खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए उन्हें धमकाया गया कि उनका एटीएम कार्ड एक संदिग्ध के पास मिला है. इस झूठे आरोप से डरा कर 20 दिनों के भीतर अलग-अलग किस्तों में कुल 54 लाख 30 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए.
ठगी का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन, बाहर भेजे गए पैसे
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ठगों ने ठगी के पैसों को क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी में बदलकर उत्तरी अमेरिका, चीन और यूरोप में अपने संपर्कों के जरिए सुरक्षित किया. गिरोह के सदस्य इन पैसों को कम कीमत पर बेचकर महंगे सामान खरीदते थे.
राजस्थान से दो आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने कॉल डिटेल और बैंक खातों के आधार पर राजस्थान के अलवर जिले में छापेमारी की. वहां से निकुंज कुमार और लक्ष्य सैनी नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. दोनों आरोपी सैलून में काम करते हैं और डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्र हैं. इनके खातों से अब तक 23 लाख रुपये रिकवर किए जा चुके हैं.
एसपी की अपील: जागरूकता से बच सकते हैं ठगी से
एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि ठग नई योजनाओं के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं. किसी भी संदिग्ध कॉल या ईमेल की सत्यता जांचे बिना पैसे ट्रांसफर न करें. साइबर सुरक्षा और जागरूकता से ही ऐसे अपराधों से बचाव किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 23:27 IST