Wednesday, December 4, 2024
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गौतमबुद्ध नगर किसान आंदोलन : राकेश टिकैत बोले- गिरफ्तार किसानों को छोड़ने के बाद ही शुरू होगी बातचीत, कल जीरो पाइंट पर करेंगे पंचायत

Tricity Today | ‘यूपी की बात’ में किसान नेता राकेश टिकैत




Noida News : नोएडा में गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए किसानों को लेकर मामला गर्मा गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों की गिरफ्तारी के बाद गुस्से में दिखे। उन्होंने मंगलवार को उत्तर प्रदेश टाइम्स के कार्यक्रम ‘यूपी की बात’ में किसानों के आंदोलन को लेकर अपनी बात रखी। राकेश टिकैत ने कहा कि नोएडा के किसानों को जेल भेजना गलत है। कल हम जीरो पाइंट पर आएंगे। जब सब लोग आ जाएंगे तो अधिकारियों से बात की जाएगी। पुलिस अगर रोकेगी तो उन्हें भी देखेंगे। कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की गई तो वह नजदीकी थाने में जाकर बैठ जाएंगे और धरना शुरू कर देंगे। 


पंचायत स्थल बनेगा धरना स्थल 

एक सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि हम बुधवार को जीरो पाइंट पर पंचायत करेंगे। क्योंकि जीरो पाइंट उनका पंचायत स्थल है। अगर गिरफ्तार किए किसान रिहा नहीं किए और उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो पंचायत स्थल फिर धरना स्थल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह न सोने की किसान ऐसे ही जीरो पाइंट पर पहुंच जाएंगे। किसान बोरिया बिस्तरा, कपड़े लत्ते और खाने-पीने के इंतजाम के साथ जीरो पाइंट पर पहुंचेगा। उन्होंने इस पंचायत को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में किसानों ने बैठक की है। सभी जिलों से किसान बुधवार को जीरो पाइंट स्थित पंचायत स्थल पहुंचेंगे।

पुलिस का रखा है इंतजाम 

पुलिस के रोके जाने को लेकर राकेश टिकैत से सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि कल सभी जिलों से किसान जीरो पाइंट पर पहुंचेंगे। अगर इस बीच पुलिस उन्हें रोकती है तो किसान उस जगह के लोकल थाने पहुंच जाएगा और वहां धरना दिया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने पुलिस को लेकर भी रणनीति बनाई है। सभी का इंतजाम किया हुआ है। 


लड़ाई बीच में नहीं छोड़ेंगे 

राकेश टिकैत ने इस सवाल पर कहा कि हमने 13 महीने धरना देकर ट्रेनिंग पूरी कर ली है। उन्होंने धरने को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। हम लड़ाई को बीच में नहीं छोड़ेंगे। हम रास्ता जाम नहीं करेंगे। अगर पुलिस या प्रशासन उसे रोकता है तो धरना दिया जाएगा। अगर पुलिस रोकती है तो वहां लोकल थानों में धरना दिया जाएगा। अगर जिला प्रशासन रोकने की कोशिश करेगा तो किसान उनके कार्यालय के बाहर बैठकर धरना देगा। किसान इससे पीछे नहीं हटेगा।

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