मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल पूरे होने पर दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही उन्होंने गैस से प्रभावित नागरिकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। डॉ. यादव ने अपनी श्रद्धांजलि सोशल मीडिया पर भी दी, जहां उन्होंने इस त्रासदी में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। भोपाल गैस त्रासदी के बाद से अब तक सरकार और अन्य संगठनों द्वारा प्रभावितों की सहायता के कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन इस दर्दनाक घटना के जख्म आज भी लोगों के दिलों में ताजे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के शिकार लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस त्रासदी में असमय अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों की आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह प्रभावित नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें और उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाए।
भोपाल गैस कांड की दर्दनाक यादें
2 दिसंबर 1984 की रात भोपाल शहर के लिए एक भयानक रात बनकर आई थी। रात 8:30 बजे के आसपास यूनियन कार्बाइड प्लांट से फैलने वाली जहरीली गैस ने शहर को घेर लिया। जैसे-जैसे रात बीती, वैसे-वैसे इस गैस के असर से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। अगले दिन, भोपाल का दृश्य भयावह था, और यह त्रासदी दुनिया की सबसे घातक औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक मानी जाती है।
दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा
भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोगों की जानें गईं और लाखों प्रभावित हुए। गैस के संपर्क में आने से न सिर्फ कई लोग मारे गए, बल्कि कई लोग गंभीर रूप से अपंग भी हो गए। इस घटना के बाद से न केवल भोपाल, बल्कि पूरी दुनिया ने औद्योगिक सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा पर गहरी सोच विकसित की।