Saturday, December 14, 2024
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CGPSC 2023 Result: सफलता की कहानी टॉपर्स की जुबानी; इंजीनियर की नौकरी छोड़ी, पांचवें प्रयास में मारी बाजी

CGPSC 2023 Result: सीजीपीएससी 2023 एग्जाम का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया है। बलौदाबाजार जिले के कोसमंदी गांव निवासी रविशंकर वर्मा ने मुंबई से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और सफल रहे। रविशंकर वर्मा अभी बैकुंठपुर में जिला रोजगार अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने एनआईटी रायपुर से साल 2012 में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की फिर मुंबई में प्लेसमेंट हुआ। 2015 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी की। फिर 2015 में ही नौकरी से त्याग पत्र देकर रायपुर लौट आये। इसके बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गये। साल 2017 से लगातार पांच बार परीक्षा दी। इस बार में सफल रहे। 

इस बार साक्षात्कार 100 अंक का हुआ था, पिछली साल की तुलना में 50 नंबर कटौती हुई थी। पिछले 150 नंबर का इंटरव्यू होता था। इसे लेकर विवाद हुआ था। मेंस के 7 पेपर हुए थे, जिसमें सभी के लिये 200 अंक निर्धारित था। इसमें 1400 नंबर और साक्षात्कार यानी कुल 1500 नंबर के आधार पर मेरिट बनी है। साक्षात्कार 18 नवंबर से शुरू हुए थे। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के नवंर को मिलाकर मेरिट लिस्ट तैयार की गई है। 

 टॉप 10 में पुरुष अभ्यर्थियों  का दबदबा

साल 2023 में कुल 242 पदों के लिए ये भर्ती निकाली गई थी। 703 उम्मीदवारों ने साक्षात्कार दिया था। टॉप 10 लिस्ट में इस बार पुरुष अभ्यर्थियों  का दबदबा है। टॉप 10 लिस्ट में 6 पुरुष और 4 महिला शामिल हैं। साल 2022 की तुलना में यानी इस बार की स्थिति विपरित है। साल 2022 की टॉप टेन लिस्ट में 6 महिलाएं थीं तो इस बार 4 महिला सलेक्ट हुई हैं जबकि इस बार 6 पुरुष चयनित हुए हैं। 

छठवीं कोशिश में सफल

मृणमयी शुक्ला राज्य वित्त सेवा के पद पर कार्यरत हैं यह उनकी छठवीं कोशिश थी। वह साल 2016 में नया तहसीलदार बनी। 2018 में छठवीं रैंक पर रहीं। साल 2021 में डीएसपी के पद पर चयन हुआ। डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना था इसलिए जॉब में रहते हुए तैयारी की । अब जाकर सपना पूरा हुआ। 

पिता का सपना साकार किया

महासमुंद की रहने वाली नंदिनी साहू ने दूसरे प्रयास में सफलता अर्जित की है। पहले प्रयास में 179 रैंकिग थी। जब वह 12वीं पढ़ रही थी तब उनके पिता मेघनाथ का निधन हो गया। उनकी चार बड़ी बहन हैं। घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल रहा। चारों बहनें नौकरी करती है। उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ी और आज उनका सपना साकार हुआ।

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