4 लाख के लालच में फंस गए सेवानिवृत्त अधिकारी, डॉलर कि जगह बैग में मिली कागज की गड्डी जानिए क्या
विस्तार
उज्जैन में सेवानिवृत्त अधिकारी को तीन बदमाशों ने डॉलर नोट का झांसा देकर 4 लाख रुपये ठग लिए। बदमाश सात दिनों से अपना जाल बिछा रहे थे। उन्होंने 20 रुपये के बदले एक डॉलर भी दिया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बदमाशों की तलाश में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे जा रहे हैं।
देवास के आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ रह चुके सेवानिवृत्त अधिकारी हरिनारायण पिता पन्नालाल, निवासी शंकरगढ़, बालगढ़, देवास, नानाखेड़ा बस स्टैंड पहुंचे थे। जहां उन्हें सात दिन पहले मिले मिलन घोष और अजय ने मिलने के लिए बुलाया था। दोनों के साथ एक अन्य साथी भी था। तीनों ने 6,000 के डॉलर नोट देने के बदले सेवानिवृत्त अधिकारी से 4 लाख रुपये से भरा बैग लिया और उनके पास डॉलर नोटों का बैग थमाकर भाग निकले। हरिनारायण ने उनके जाने के बाद बैग खोला तो उसमें कागज की गड्डियां भरी हुई पाईं। अपने साथ 4 लाख की ठगी होने पर उन्होंने नानाखेड़ा थाने पहुंचकर घटनाक्रम बताया। पुलिस ने रात में ही बदमाशों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया और तलाश शुरू की। अब तक बदमाशों का कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस बस स्टैंड क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे भी देख रही है, लेकिन कहीं भी बदमाशों का मूवमेंट दिखाई नहीं दिया है। आशंका जताई जा रही है कि बदमाश प्रदेश के बाहर से आए थे।
बदमाशों ने ऐसे फंसाया जाल में
नानाखेड़ा थाना प्रभारी नरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि देवासवानिवृत्त अ के सेधिकारी के साथ हुई 4 लाख की ठगी के संबंध में पूछताछ करने पर सामने आया कि दो लोग सात दिन पहले देवास में मिले थे। उन्होंने डॉलर नोट दिखाया था और 20 रुपये मांगे थे। उन्होंने मोबाइल नंबर ले लिया था और बाद में कॉल कर बताया था कि उनके पास ऐसे 6,000 डॉलर नोट हैं। जिन्हें देना चाहते थे। कम कीमत में डॉलर मिलने पर हरिनारायण लालच में आ गए और सभी डॉलर का 4 लाख में सौदा तय कर लिया।
बैग खोलने से किया था मना
आदिम जाति कल्याण विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी ने पुलिस को बताया कि बस स्टैंड पर बैग का आदान-प्रदान करने के बाद वह डॉलर नोटों का बैग खोलकर देखना चाह रहे थे। तभी बदमाशों ने कहा कि यहां मत खोलो, कई लोग हमारे पीछे लगे हैं। आप बाद में बैग खोलना। वह कुछ समय पाते उससे पहले 4 लाख रुपये का बैग लेकर भाग निकले। वह पैदल ही आए थे।