Friday, November 22, 2024
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रियल एस्टेट से बड़ी खबर : नोएडा, गुरुग्राम दौड़ से बाहर, मुंबई और दिल्ली एशिया-पैसेफिक के शीर्ष पांच आवासीय बाजारों में शामिल

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Delhi News : वार्षिक मूल्य वृद्धि के लिए एशिया-प्रशांत के शीर्ष पांच प्रमुख आवासीय बाजारों में नोएडा और गुरुग्राम सहित बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में से किसी भी शहर को शामिल नहीं किय गया है। हालांकि शीर्ष 5 शहरों में देश की राजधानी दिल्ली और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ने अपनी जगह बनाई है। नाइट फ्रैंक द्वारा जारी की गई एक हालिया रिपोर्ट में मुंबई और दिल्ली को वार्षिक मूल्य वृद्धि के लिए एशिया-प्रशांत के शीर्ष पांच प्रमुख आवासीय बाजारों में स्थान दिया गया है। 

मुंबई चौथे और दिल्ली पांचवे स्थान पर

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई ने एपीएसी क्षेत्र के लिए नाइट फ्रैंक के वार्षिक प्रमुख आवासीय मूल्य वृद्धि सूचकांक पर तीसरा स्थान हासिल किया है। मुंबई को 14वें सबसे महंगे एपीएसी प्रमुख आवासीय बाजार के रूप में भी स्थान दिया गया है, जिसकी औसत लागत 953 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ग फुट है। दिल्ली ने लक्जरी संपत्ति की कीमतों में साल-दर-साल 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। जिससे वह पांचवें स्थान पर आ गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की राजधानी दिल्ली को एपीएसी में 19वें सबसे महंगे प्रमुख आवासीय बाजार के रूप में जाना जाता है। जिसकी औसत कीमत 2024 की तीसरी तिमाही में 452 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ग फुट है। 

सिंगापुर और वियतनाम से 1-3 प्रतिशत कम

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन शिशिर बैजल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और बदलती जीवनशैली की आकांक्षाएं इसे एक प्रमुख निवेश गंतव्य बनाती हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु प्रमुख आवासीय मूल्य वृद्धि में अग्रणी हैं। बाजार लचीलापन प्रदर्शित कर रहा है और खुद को प्रमुख अचल संपत्ति निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है। रिपोर्ट में भारत की हाई होम ऑनरशिप दर 87 प्रतिशत बताई गई है, जो सिंगापुर (90 प्रतिशत) और वियतनाम (88 प्रतिशत) से ठीक नीचे है। 

भारत में तेजी से बढ़ रहा रियल एस्टेट बाजार

भारत का आवासीय रियल एस्टेट बाजार आर्थिक प्रगति और बुनियादी ढांचे में सुधार से प्रेरित होकर मजबूत विकास का अनुभव कर रहा है। 2024 की तीसरी तिमाही में आवासीय बिक्री 87,108 इकाइयों तक पहुंच गई, जो साल-दर-साल 5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसमें प्रीमियम सेगमेंट में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि भारत में घरों की मांग मजबूत बनी हुई है और यह एक आकर्षक निवेश विकल्प बना हुआ है।

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