पीड़ित किसान प्यारेलाल
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दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में आने वाली तारादेही ग्राम पंचायत के पौड़ी गांव निवासी किसान के नाम से सहकारी बैंक में पांच खाते खुल गए, जबकि उन्होंने केवल एक खाता खुलवाया था। इतना ही नहीं, किसान के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड का लोन भी लिया गया, जबकि उन्होंने खुद कोई लोन नहीं लिया। जानकारी सामने आई बुजुर्ग किसान के होश उड़ गए और उन्होंने कलेक्टर को अपनी समस्या बताई।
किसान प्यारेलाल उपाध्याय ने बताया कि उनका खाता तारादेही सेवा सहकारी बैंक में खुला है। कुछ दिन पहले किसान प्यारेलाल सम्मान निधि के पैसे निकालने बैंक गए तो मैनेजर ने बताया कि आपको पैसा नहीं मिल सकता, आपने जो क्रेडिट कार्ड का लोन लिया है पहले उसे भरो। किसान ने मैनेजर से स्टेटमेंट मांगा तो उन्होंने नहीं दिया। काफी बहस के बाद स्टेटमेंट दिया गया तो प्यारेलाल नाम से बैंक में पांच खाते निकले, जबकि किसान का सिर्फ एक खाता खुला था। अब ये चार खाते किसने खोले, इसकी किसान को जानकारी नहीं है और न कभी मैंने बैंक से लोन लिया है, तो फिर उसके ऊपर कर्ज कहां से हो गया। पूछताछ करने पर मैनेजर ने किसान के साथ अभद्रता करके उसे भागा दिया। इसके बाद वह गुरुवार को कलेक्टर के पास पहुंचा।
किसान ने कलेक्टर को बताया कि सेवा सहकारी केंद्रीय बैंक तारादेही में मेरा खाता है, जिस पर मैंने पूर्व में तीन बोरी डीएपी और दो बोरी यूरिया लिया था, जिसकी कीमत 4650 रुपये थी। मैं जब सम्मान निधि के पैसे निकालने बैंक पहुंचा तो मैनेजर ने मेरे ऊपर 29709 रुपये का कर्ज बता दिया, जबकि यह कर्ज मैंने कभी लिया ही नहीं। मैनेजर ने कर्ज की कोई जानकारी नहीं दी और सम्मान निधि के पैसे भी उसी कर्ज में जमा करने की बात कही, जो मैंने कभी लिया ही नहीं।
कलेक्टर ने पीड़ित किसान की बात सुनकर उसकी जांच जिला सेवा सहकारी बैंक से करवाने के निर्देश दिए हैं। मैनेजर मुकेश लोधी ने बताया कि कर्ज समिति का है जो प्यारेलाल ने लिया था। एक किसान के सेवा सहकारी केंद्रीय बैंक में पांच खाते खुलते हैं। बाकी जो आरोप लगाए गए हैं, वह निराधार हैं।
किसान प्यारेलाल उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। यदि न्याय नहीं मिला, तो आत्महत्या कर लूंगा। गांव पहले से ही तालाब फूटने से तबाही भोग रहा है। अब ये कर्ज कहां से भरूंगा।