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Noida News : यूपी सरकार के नए कानून के दो महीने बाद भी नोएडा की हाई-राइज इमारतों में स्थित 80,000 से अधिक लिफ्टों का पंजीकरण जीरो पर है। यह चिंताजनक स्थिति तब सामने आई है जब इस साल लिफ्ट दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। यह जानकारी गुरुवार को जिलाधिकारी मनीष वर्मा द्वारा दी गई।
6 महीने बाद भी किसी ने नहीं करवाया रजिस्ट्रेशन
फरवरी 2024 में राज्य विधानसभा द्वारा पारित यूपी लिफ्ट और एस्केलेटर नियम का मुख्य उद्देश्य प्रदेश भर में लिफ्टों की सुरक्षा और रखरखाव को सुनिश्चित करना था। विशेष रूप से नोएडा में जहां हजारों लोग प्रतिदिन लिफ्टों का उपयोग करते हैं, यह नियम अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार ने 25 सितंबर को एक आदेश जारी कर मेरठ मंडल के जिला प्रशासनों को पांच सदस्यीय समितियां गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद नोएडा प्रशासन ने 29 अक्टूबर को भवन मालिकों और आरडब्ल्यूए को छह महीने के अंदर के लिफ्टों का पंजीकरण कराने का आदेश दिया।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगा एक्शन
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और 30 दिनों की छूट अवधि के बाद लिफ्ट सेवाएं निलंबित कर दी जाएंगी। हालांकि, आरडब्ल्यूए और एओए के सदस्यों का कहना है कि प्रशासन ने पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी, जिससे भ्रम की स्थिति बनी।
2024 में लिफ्ट दुर्घटनाओं के मामले
- – आम्रपाली गोल्फ होम्स: 9 लोग 30 मिनट तक फंसे
- – सुपरटेक इकोविलेज-3: लिफ्ट छठी मंजिल से गिरी
- – पारस टिएरिया: लिफ्ट का ब्रेक फेल
- – एलीट गोल्फ ग्रीन: एक लड़की फंसी
- – सेवियर ग्रीनआर्च: नाबालिग एक घंटे तक फंसा
अगले हफ्ते होगी मीटिंग
अतिरिक्त जिलाधिकारी (वित्त और राजस्व) अतुल कुमार ने बताया कि अगले हफ्ते सभी हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पंजीकरण प्रक्रिया का विस्तृत विवरण साझा किया जाएगा।