शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. जी.एस. परिहार को कर्मचारियों और पत्रकारों से जुड़े विवादों और अपने पद के दायित्वों में असफलता के आरोपों के चलते रीवा स्थानांतरित कर दिया गया है। शिकायतों और जांच के बाद यह निर्णय लिया गया। जिला अस्पताल का प्रभार डॉ. राजेश मिश्रा को सौंपा गया है।
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शहडोल के शासकीय कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. जी.एस. परिहार का अंततः जिला चिकित्सालय शहडोल से रीवा स्थानांतरण कर दिया गया है। इस संबंध में डॉ. राजू निदारिया, वरिष्ठ संयुक्त संचालक (विज्ञप्ति), संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र भोपाल द्वारा आदेश जारी किया गया है।
डॉ. परिहार के खिलाफ लंबे समय से कर्मचारियों द्वारा गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायतें की जा रही थीं। हाल ही में एक महिला डॉक्टर ने सिविल सर्जन की मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि डॉ. परिहार उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। अपने प्रभाव के कारण डॉ. परिहार शिकायतों को दबाने में सफल रहे थे। उनके बढ़ते हौसले के चलते उन्होंने जिला चिकित्सालय परिसर में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी कर दिया था। इसके लिए उनके पदनाम के साथ पर्चे अस्पताल के प्रवेश द्वार पर लगाए गए थे, जिनमें लिखा गया था कि बिना सिविल सर्जन की अनुमति के किसी भी मीडियाकर्मी का प्रवेश प्रतिबंधित है। पत्रकारों के कवरेज और फोटोग्राफी पर भी रोक लगा दी गई थी।
हालांकि पत्रकारों के आक्रोश के बाद यह पर्चे तुरंत हटा दिए गए थे। लेकिन इस घटना से पत्रकार नाराज थे। मजबूरी में पत्रकारों को जनजातीय गौरव दिवस के दौरान डॉ. परिहार का विरोध करना पड़ा। मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने पर उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी। कलेक्टर, शहडोल द्वारा प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रतिवेदन भेजा गया। संचालनालय द्वारा जांच के बाद पाया गया कि डॉ. परिहार अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहे। परिणामस्वरूप उनका स्थानांतरण रीवा कर दिया गया और शहडोल का प्रभार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा को सौंपा गया है।