बाबा बागेश्वर ने कहा कि या तो सनातन बोर्ड बनाइए या वक्फ बोर्फ हटाइए।
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हिन्दुओं के बीच मौजूद जाति भेदभाव, छुआछूत, अगड़े और पिछड़े का फर्क मिटाने के लिए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं.धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री आज यानी गुरुवार से अपनी 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं। बागेश्वर धाम से प्रारंभ होने वाली यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी। इस पदयात्रा को देश के अनेक जाने-माने संतों की उपस्थिति में प्रारंभ किया जाएगा। पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोककलाओं का प्रदर्शन भी करेंगे।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं.धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि देश भर का हिन्दू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जाति भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है। इस पदयात्रा का उद्देश्य हिन्दुओं को जगाकर भारत को सामर्थ्यवान बनाना है। यही जागृत हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी अनेक सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं। लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पूर्व से पंजीयन कराए हैं जबकि इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में शामिल होने और उत्साह के साथ यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है।
यह यात्रा 21 नवंबर को बालाजी मंदिर बागेश्वर धाम से प्रारंभ होकर छतरपुर, नौगांव, निवाड़ी, मऊरानीपुर होते हुए 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा मंदिर पहुंचेगी। इस यात्रा को सफल बनाने के लिए देश के अनेक सनातनी संत बागेश्वर महाराज के संकल्प में साथ खड़े नजर आ रहे हैं। बागेश्वर धाम समिति की ओर से संत सम्मेलन के प्रभारी रोहित रिछारिया ने बताया कि 21 नवंबर को इस यात्रा के शुभारंभ अवसर पर जगतगुरु तुलसी पीठाधीश्वर श्रीराम भद्राचार्य जी द्वारा भगवा ध्वज दिखाया जाना तय किया गया है। किन्तु आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण उनकी उपस्थिति पर संशय है। किन्तु 21 को देश के जाने-माने संत गोपालमणि जी, कथाव्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज एवं सुदामा कुटी वृंदावन के महंत उपस्थित रहेंगे। इसके बाद इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास, जगतगुरु राघवाचार्य, देश के जाने-माने कथाव्यास अनिरुद्धाचार्य, कृष्णचन्द्र ठाकुर, मृदुलकांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोरदास जी महाराज, भिण्ड से दंदरूआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंददेव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी जी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्रदास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत उपस्थित रहेंगे।
समाजों, महापुरुषों की झांकियां और बालाजी का रथ चलेगा
इस पदयात्रा में सभी हिन्दू समाजों को एकजुट करने के उद्देश्य से विभिन्न समाजों के महापुरुषों को झांकियों के रूप में सम्मिलित किया जा रहा है। यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं जिनमें गौरथ, महापुरुषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल है। इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ को खींचने वाले बुन्देलखंड के खली बद्री विश्वकर्मा भी उपस्थित रहेंगे। पूरी पदयात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिक शंकर सोनी, सुरेश बाबू खरे, राकेश असाटी आदि राष्ट्रध्वज तिरंगा एवं भगवां ध्वज लेकर चलेंगे। इस पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। पदयात्रा के दौरान कई डीजे वाहन, घोड़े, बग्घी आदि भी सम्मिलित होंगे।