बिलासपुर: बिलासपुर शहर की सड़कों की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. प्रमुख सड़कों और बाईपास मार्गों पर गड्ढों की भरमार है, विशेष रूप से मोपका-सेंदरी बाईपास की हालत खस्ता हो चुकी है. करीब आठ साल पहले बनाई गई इस सड़क पर अब हर 100 मीटर पर गड्ढे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है. रात में यह मार्ग अत्यधिक खतरनाक हो जाता है. निर्माण के दौरान हुई अनियमितताओं और खराब निर्माण गुणवत्ता के कारण अब यह सड़क बुरी तरह जर्जर हो चुकी है.
निर्माण की खामियां और बढ़ती समस्याएं
मोपका-कोनी सड़क का निर्माण 2016 में 35 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से किया गया था. परंतु इस सड़क में मिट्टी फिलिंग, बेस निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण मानकों का पालन नहीं किया गया, जिससे यह अब जिले की सबसे जर्जर सड़कों में गिनी जा रही है. इस मार्ग पर गड्ढों के कारण धूल और गंदगी बढ़ रही है, जो आसपास की फसलों को भी प्रभावित कर रही है. इसके चलते सिपत, बलौदा और कोरबा जाने वाले वाहनों के साथ ही आसपास के 10 से अधिक गांवों के लोगों को प्रतिदिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
राहगीरों की परेशानी और दुर्घटनाओं का खतरा
राहगीर रफीक मोहम्मद का कहना है कि सड़क पिछले एक साल से खराब स्थिति में है. भारी वाहनों के चलने से धूल का गुबार उठता है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है. बावजूद इसके, दूसरा विकल्प न होने के कारण उन्हें इसी मार्ग से यात्रा करनी पड़ती है.
राहगीर रमाकांत ने बताया कि सड़क पर गड्ढों की स्थिति इतनी गंभीर है कि हर सफर जोखिम भरा लगता है. बड़ी गाड़ियों के पीछे चलने पर धूल के कारण दृश्यता शून्य हो जाती है. उन्हें मजबूरी में चेहरे को ढककर यात्रा करनी पड़ती है और सफर से लौटने के बाद पूरा शरीर धूल से भर जाता है. इसके चलते दोबारा नहाना पड़ता है. शहरवासियों का कहना है कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं की गई, तो दुर्घटनाओं का सिलसिला और बढ़ सकता है.
Tags: Bilaspur news, Chhattisgarh news, Local18
FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 18:21 IST